Career Tips for 10th and 12th: हाई स्कूल स्टूडेंट्स को सही रास्ता चुनना मुश्किल होता है। हालांकि, आप अपनी रुचियों, करियर अवसरों और क्षमताओं के बारे में जानकर आगे का रास्ता तय कर सकते हैं।
यह आपको ऐसा पेशा तलाशने में मदद करेगा जो आपके लिए सही हो। हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी होने के बाद एक स्टूडेंट के सामने मौजूद इतने सारे विकल्प होते हैं कि ये जानना चुनौतीपूर्ण हो जाता है कि कहां से शुरुआत करें।
एक छात्र के रूप में, अपनों क्षमताओं का प्रभावी ढंग से उपयोग करना सीखना आपकी उत्पादकता और शैक्षणिक सफलता को बढ़ा सकता है।
अपने आप को पहचानें
– अपनी ताकत, कमजोरियों, रुचियों और मूल्यों को पहचानें।
– खुद से सवाल करें
– मुझे किन विषयों के बारे में सीखने में आनंद आता है?
– कौन सी ऐक्टिविटी मुझे उत्साहित और व्यस्त महसूस कराती हैं?
– मेरे लक्ष्य क्या हैं?
कैरियर रिसर्च
– ऐसे करियर विकल्पों का पता लगाएं जो आपकी रुचियों और शक्तियों के अनुरूप हों।
– ये सब रिसर्च करें
– वेतन सीमा
– विकास के अवसर
– आवश्यक शिक्षा और कौशल
जॉब शैडोइंग और इंटर्नशिप
– अपने इच्छित क्षेत्र में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करें।
– पेशेवरों के साथ जॉब शैडो या इंटर्न
– दैनिक कार्यों और जिम्मेदारियों के बारे में जानें
– प्रश्न पूछें और सलाह लें
– कनेक्शन और नेटवर्क बनाएं
कैरियर आकलन करें
– ऑनलाइन टूल्स और उपकरणों का उपयोग करें, जैसे:
– करियर क्विज़ (जैसे, मायर्स-ब्रिग्स, हॉलैंड कोड्स)
– रुचि सर्वेक्षण (उदाहरण के लिए, मजबूत रुचि सूची)
– व्यक्तित्व परीक्षण (जैसे, बड़े पांच व्यक्तित्व लक्षण)
नेटवर्किंग
– अपने इच्छित क्षेत्र के लोगों से जुड़ें।
– इन ऐक्टिविटी में भाग लें
– कैरियर मेला
– उद्योग की घटनाएँ
– नेटवर्किंग सत्र
भविष्य की योजना बनायें
– अल्पकालिक और दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारित करें।
– एक योजना बनाएं, जिसमें शामिल हैं:
– शिक्षण और प्रशिक्षण
– कौशल विकास
– कार्य अनुभव
अतिरिक्त सुझाव
– खुले दिमाग रखें और विभिन्न करियर पथ तलाशने के लिए तैयार रहें।
– परामर्शदाताओं, सलाहकारों और पेशेवरों से मार्गदर्शन लें।
– लचीले रहें और अपनी करियर यात्रा में बदलावों को अपनाएं।
क्या है करियर प्लानिंग?
एजुकेशन के बाद लोग अपना करियर किसी संगठन (Organization), कंपनी व अपने द्वारा चुने हुए किसी खास फील्ड में बनाते हैं।
किसी भी कंपनी में करियर बनाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति के लिए डिजाइन नहीं किया जाता, बल्कि जॉब करने वाले व्यक्तियों के पास खुद की अपनी आवश्यकताओं, क्षमता, रुचि आदि के आधार पर अपना रास्ता बनाना पड़ता है।
पिछले 2 सालों में जॉब मार्केट में बहुत बड़े बदलाव हुए हैं। आप कह सकते हैं कि इसमें लोगों का करियर ग्राफ रोलर कोस्टर की तरह रहा है।