International Stuttering Awareness Day: कभी-कभी हम देखते है कि, कोई व्यक्ति हमारे आस-पास, बोलते ही अचानक अटक जाता है या फिर रूक-रूककर बात करता है। ऐसे में उसका मजाक बनाया जाता है तो वहीं हकलाने को कोई बीमारी समझ लेता है। इस स्थिति को सुधारने और जागरूकता के लिए इंटरनेशनल स्टमरिंग अवरनेस डे (International Stuttering Awareness Day) मनाया जाता है। इस समस्या को कैसे सही कर सकते है इनके तरीकों के बारे में आप जान सकते है।
जानें क्यों मनाया जा रहा है दिवस
यहां पर हर साल की तरह 22 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय हकलाना जागरूकता दिवस को हकलाहट के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को सबसे पहले ही 1998 में नामित किया गया था तो वहीं पर इस साल 2023 की थीम ‘One Size Does Not Fit All’रखा गया है।
जानिए क्या होती है हकलाहट की समस्या
यहां पर व्यक्ति का हकलाना कोई बीमारी ना होकर एक तरह से एक स्पीच डिसऑर्डर होता है जिसमें बोलने की गति में रुकावट के कारण होता है। यहां पर हकलाने की समस्या में आवाज, अक्षरों में दोहराव, बोलने में लंबा समय या झिझक के रूप में सामने आ सकता है। हकलाहट के पीछे, जेनेटिक और पर्यावरण से जुड़े कारण हो सकते हैं।
यह समस्या अक्सर बचपन में ही दिखाई देने लगती है, जो बड़े होने तक बनी रह सकती है या उम्र के साथ इसमें सुधार आ सकता है। भले ही यह बीमारी नहीं है, लेकिन जो इससे परेशान हैं, उनके लिए यह चुनौतीपूर्ण और निराश करने वाली स्थिति होती है।’
इन तरीकों से समस्या को करें ऐसे खत्म
यहां पर हकलाहट की समस्या को दूर करने के लिए आप दिए जा रहे तरीकों को अपना सकते है जो इस प्रकार है…
1- बिहेवियरल थेरेपी है जरूरी
यहां पर व्यक्ति की इस समस्या को दूर करने के लिए बिहेवियरल थेरेपी ली जाती है, जैसे – कॉग्निटिव-बिहेवियरल थेरेपी (सीबीटी) या डिसेंसिटाइजेशन तकनीकों को अपनाया भी जाता है।। इस थेरेपी करने से एंजाइटी को कम किया जा सकता है। इससे हालत सुधर सकती है।
2-हेल्प ग्रूप्स
हकलाहट की समस्या दूर करने के लिए आप सहयोगी समूहों का सहारा भीा ले सकते है। जहां पर इन समूहों की सहायता से हकलाहट से जुड़े भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक पहलुओं से निपटने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं इन समूह का काम अनुभव साझा करने और दूसरों से सीखने के लिए सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराना होता है।
3-दवाइयां
हकलाहट की समस्या को सही करने के लिए आप दवाईयों को प्रयोग में ले सकते है। अगर आपको यह समस्या में एंजाइटी या डिप्रेशन के लिए ले सकते है।
4- साफ बोली के लिए उपकरण
यहां पर हकलाहट को दूर करने के लिए आप इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का सहारा भी ले सकते है। कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे – डिलेड ऑडिट्री फीडबैक (डीएएफ) उपकरण या स्पीच रिस्ट्रक्चरिंग सॉफ्टवेयर का प्रयोग हकलाहट दूर करने और बेहतर साफ बोली के लिए उपयोग में लिया जाता है।
5-निरंतर अभ्यास
निरंतर अभ्यास और धैर्य के साथ इस समस्या को दूर किया जा सकता है। साथ ही, उन स्पीच-तकनीकों और तरीकों का निरंतर प्रयोग करना होगा, जिन्हें बोलने की क्षमता सुधारने के लिए प्रयोग की गई थेरेपी में समझाया गया था।
6-जागरूकता रहें हमेशा
यहां पर अपनी इस हकलाहट की समस्या को स्वीकार करें घबराएं नहीं। समस्या के बारे में जागरूक रहना मददगार हो सकता है। हकलाहट से किसी की बुद्धिमता या क्षमताओं का पता नहीं चलता।
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