LIC Jeevan Umang Policy: अगर आप भी अपना घर और जॉब दोनों ही संभालती है. साथ ही अब आप भविष्य के लिए इन्वेस्ट करने की सोच रहें हैं तो आप LIC Jeevan Umang Policy की मदद से इन्वेस्ट कर सकते हैं. इस एलआईसी जीवन उमंग पॉलिसी की मदद से नियमित रूप से इन्वेस्ट करके जीवन भर की इनकम कर सकते हैं.
इस पॉलिसी का समय ख़त्म होने पर आपको इकठ्ठा पैसा मिलता है. यह इन्वेस्ट करने के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद आप्शन है. LIC Jeevan Umang Policy एक तरह की नॉन-लिंक्ड, पार्टिसिपेटिंग, ,प्राइवेट लाइफ इंशोरेंस प्लान है.
इस पॉलिसी में आपको 100 साल की उम्र तक जीवन कवर का लाभ देती है.
पॉलिसी में मिलेंगे हर महीने 70,000 रुपये
इस जीवन उमंग पॉलिसी में आपको नियमित सालाना जीवन भर के लिए पेंशन का फायदा मिलेगा. आपको इस जीवन उमंग पॉलिसी में 15 सालों तक हर महीने 10,000 रूपए इन्वेस्ट करते हैं तो आपको प्रीमियम भुगतान अवधि के बाद इस पेंशन का फायदा मिलता है.
पॉलिसी की मैच्योरिटी के बाद आपको जीवन भर हर महीने 60,000 से 70,000 रुपये की इनकम होगी. जीवन भर पेंशन मिलने से आप भविष्य में आर्थिक रूप से सुरक्षित रहते हैं. आप इसमें 10, 15 या 20 वर्षों के लिए इन्वेस्ट कर सकते हैं.
मैच्योरिटी के बाद पेंशन और इकठ्ठा भुगतान
अगर आप इस पॉलिसी में हर महीने 10,000 रुपये हर महीने 15 सालों तक प्रीमियम का भुगतान करते हैं. तो आपको मैच्योरिटी के बाद 10 सालों के लिए लगभग 1 लाख हर महीने और 15 सालों के लिए हर महीने 60,000 रुपये की सीमित समय के लिए इकठ्ठी पेंशन मिलती है.
तो वहीं अगर आप 10,000 रुपये हर महीने इन्वेस्ट करते हैं तो आपको मैच्योरिटी के बाद 15 सालों तक आजीवन 40,000 से 50,000 रुपये हर महीने मिलते हैं. इसके अलावा मैच्योरिटी के बाद 20 से 25 लाख रूपए इकठ्ठा पैसा मिलता है.
कैसे लें पॉलिसी के लाभ
एलआईसी जीवन उमंग खरीदने के लिए, एलआईसी ऑफ इंडिया पर जाएं.
उपलब्ध फॉर्म में अपना नाम और संपर्क नंबर भरें.
इसके बाद, अपनी आयु और वर्तमान शहर भरें.
एक बार यह हो जाने के बाद, आप उपलब्ध अन्य योजनाओं की भी जांच कर सकते हैं और अपनी सुविधा के अनुसार राशि और समय अवधि को अनुकूलित कर सकते हैं.
इसके बाद, आपको अपने प्रीमियम का भुगतान ऑनलाइन करना होगा.
LIC Jeevan Umang Policy की शर्तें
यदि पॉलिसी के पहले 12 महीनों के भीतर बीमित व्यक्ति की आत्महत्या से मृत्यु हो जाती है, तो नामित व्यक्ति मृत्यु की तिथि तक भुगतान किए गए प्रीमियम का केवल 80% ही दावा कर सकता है.
यदि पॉलिसी के पुनः चालू होने की तिथि से 12 महीने पूरे होने के बाद बीमित व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है, तो नामित व्यक्ति अब तक भुगतान किए गए प्रीमियम का 80% या अर्जित समर्पण मूल्य का दावा कर सकता है.