Gen Bipin Rawat funeral: जानिए भारत में किन लोगों को दी जाती है तोपों की सलामी और किन मौकों पर दिया जाता है ये खास सम्मान

Gen Bipin Rawat funeral: जानिए भारत में किन लोगों को दी जाती है तोपों की सलामी, किन मौकों पर दिया जाता है ये खास सम्मान

Bipin Rawat

Gen Bipin Rawat funeral: देश के पहले CDS जनरल बिपिन रावत आज पंजतत्व में विलीन हो गए। इस दौरान उन्हें 17 तोपों की सलामी दी गई। साथ ही उनके अंतिम यात्रा में तीनों सेनाओं के बैंड ने शोक गीत बजाकर अंतिम विदाई दी। बतादें कि उनके अंतिम संस्कार में करीब 8 सौ जवान मौजूद रहे। साथ ही इस यात्रा को 99 सैन्यकर्मियों ने एस्कॉर्ट किया। अंतिम दर्शन स्थल पर 12 ब्रिगेडियर स्तर के अफसर तैनात थे। ऐसे में आपके मन में भी यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर देश में किन-किन लोगों को तोपों की सलामी दी जाती है? चलिए आज हम आपको विस्तार से बताते हैं।

बतादें कि सेना किसी भी व्यक्ति विशेष को तीन तरीके से तोपों की सलामी देता है। 21, 19 और17 तोपों की सलामी। बतादें कि भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में इस रिवाज को निभाया जाता है। तोपों की सलामी को एक प्रकार से सम्मान के रूप में देखा जाता है।

क्या है तोपों की सलामी का इतिहास?

रिपोर्ट्स के अनुसार तोपों की सलामी देने का चलन 14वीं शताब्दी में शुरू हुआ था। उस समय जब कोई भी सेना समुद्र के रास्ते किसी देश में जाती थी, तो तट पर 7 तोपें फायर करती थी। इस तरीके से सेना संदेश देती थी कि वो उस देश पर हमला करने नहीं आई है।

भारत में इसका इतिहास

कुछ समय बाद नौसेना, तोपों से फायर ऐसे मौकों पर भी करने लगी जब कोई सैनिक शहीद हो जाता था। हालांकि 17वीं शताब्दी में ब्रिटिश सेना ने शाही खानदान के सम्मान में 21 तोपों की सलामी का चलन शुरू किया। ठीक इसी प्रकार से 18वीं शताब्दी में अमेरिका ने भी इस चलन को अपना लिया। जहां तक भारत की बात है तो यह प्रथा अंग्रेजों के यहां आने के बाद ही प्रचलन में आई। भारत में तब ब्रिटिश सम्राट को 100 तोपों की सलामी दी जाती थी। जबकि अन्य राजाओं को 31 या फिर 21 तोपों की सलामी देने का चलन था।

कई 21 देशों ने 21 तोपों की सलामी तक ही इसे सीमित कर दिया

बाद में भारत समेत कई देशों ने इस चलने को 21 तोपों तक ही सीमित रखने का फैसला किया। आज भी दुनिया के कई देश इस नियम का पालन करते हैं। भारत में गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी जाती है। पहले ये सम्मान सिर्फ चंद लोगों तक ही सीमित था, पर धीरे-धीरे इसका दायरा बढ़ता गया। अब राजनीति, साहित्य, कानून, विज्ञान और कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले लोगों को ये राजकीय सम्मान दिया जाता है। इसके अलावा देश के नागरिक सम्मान से सम्मानित सभी लगों को भी ये सम्मान दिया जाता है। हालांक, इसके भी कुछ नियम हैं।

किसे दी जाती है कितने तोपों की सलामी?

1. कई मौक़ों पर भारत के राष्ट्रपति, सैन्य और वरिष्ठ नेताओं के अंतिम संस्कार के दौरान 21 तोपों की सलामी दी जाती है।

2. हाई रैंकिंग सेना अधिकारी (नेवल ऑपरेशंस के चीफ़ और आर्मी और एयरफ़ोर्स के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़) और अब देश के CDS को भी 17 तोपों की सलामी दी जाती है। इसी के तहत आज देश के पहले CDS बिपिन रावत को 17 तोपों की सलामी दी गई।

3. इसके अलावा जब एक विदेशी प्रमुख देश का दौरा करता है, तो राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया जाता है और राज्य के मुखिया को भी सलामी दी जाती है।

गौरतलब है, गार्ड ऑफ़ ऑनर के लिए भी 21, 19, 17 अलग-अलग संख्या में तोपों की सलामी दी जाती है।

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