नई दिल्ली। Gemstone Testing Tips: वैसे तो लोग रत्नों को धन और शुभ फल की प्राप्ति के साथ-साथ आर्थिक तंगी दूर करने के लिए पहनने हैं। लेकिन कई बार ये रत्न लाभ पहुंचाने के बजाय उल्टा नुकसान करने लगते हैं। जिसकी वजह डुप्लीकेट या नकली रत्न होते हैं। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि असली और नकली रत्न की पहचान करने का तरीका क्या है। ताकि आप भी रत्न शस्त्र के अनुसार असली रत्न धारण करके धन प्राप्ति कर सकें।
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ऐसे करें असली रत्न की पहचान
माणिक
- अगर आपको ज्योतिषाचार्य द्वारा माणिक रत्न पहनने की सलाह दी गई है तो आप भी माणिक को खरीदने से पहले इसकी पहचान करने का तरीका जान लें। असली माणिक की पहचान होती है कि कांच के बर्तन में लाल रंग का दिखाई देता हैं।
- असली माणिक पर कमल की कली रखने पर वह थोड़ी देर में खिल उठती है।
- माणिक की असली-नकली की पहचान करने के लिए उसे गाय के कच्चे दूध में रखने पर दूध का रंग गुलाबी दिखने लगता है।
- एक तरीके में यदि माणिक को चांदी की थाली में रख कर सूरज की रोशनी में रखा जाए। चांदी भी लाल रंग की दिखाई देने लगे तो समझ लीजिए वह असली है।
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मोती
- मोती को तर्जनी से पकड़ने पर वह कुछ ही देर में गर्म हो जाएगा।
- चंद्रमा के रत्न मोती की जांच करने के लिए पहले उसे कांच के गिलास में पानी भर कर डाल दें। यदि ऐसा करने पर पानी में से किरण निकलते हुए दिखें, तो समझ लें कि मोती असली है।
- असली मोती जेम्स की टेस्टिंग के लिए उसे मिट्टी के बर्तन में गोमूत्र डाल कर रखें। इसके बाद उसे रात भर इसी बर्तन में रहने दें। सुबह होने पर यदि मोती जैसा का तैसा ही रहे तो समझिए वह मोती असली है।
- आपके द्वारा लिए गए मोती को अनाज के भुस्से से जोर से रगगिड़ए। यदि मोती नकली होगा तो इस टेस्टिंक के बाद उसका चूरा हो जाएगा।
- इसी प्रकार शुद्ध गाढ़े घी में मोती कुछ देर रखने पर घी पिघलने लगता है।
मूंगा
- अगर मूंगा असली है तो शीशे पर घिसने पर आवाज नहीं करता है। एक दूसरे टेस्टिंग के तरीके में आप यदि असली मूंगे पर हाइड्रोक्लोरिक एसिड की बूंदे डालेंगे तो उस पर झाग बनने लगता है।
- असली मूंगे की पहचान होती है कि उस पर पानी डालने पर वह हिलता नहीं हैं। इसके विपरीत यदि मूंगा नकली है तो पानी की एक बूंद उसके ऊपर स्थिर नहीं रहेगी।
- वहीं असली मूंगा के ऊपर एक बूंद पानी की रखिए तो बूंद नहीं हिलेगी। यानि असली मूंगा की पहचान है कि वह पानी को स्टेबल कर देता है।
- असली मूंगा की पहचान करने का दूसरा तरीका देखें तो उसे यदि दूध में रखेंगे, तो उसमें लाल रंग का प्रकाश दिखाई देगा।
- असली मूंगे को धूप में कागज पर या कपास पर रखने पर कागज या कपास में अग्नि पैदा हो जाती है।
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पन्ना
- असली पन्ने पर कच्ची हल्दी लगाने से हल्दी का रंग लाल हो जाता है। इसके अलावा पानी से भरे कांच के गिलास में पन्ना रखने पर उसमें हरी किरणे दिखाई देती हैं।
पुखराज
- पुखराज को सफेद कपड़े में बांधकर धूप में रखने पर उसमें पीली छाया दिखती है।
- असली पुखराज को एक दिन दूध में रखने पर उसका रंग नहीं बदलेगा न ही पुखरात की चमक जाएगी।
हीरा
- असली हीरे की पहचान करने का तरीका ये है कि हीरे पर मुंह से भाप छोड़ने पर उस पर भाप नहीं जमेगी। इसके अलावा गर्म दूध में डालने पर वह ठंडा हो जाता है।
- उसे दूध को खूब गरम करके उसमें कुछ समय के लिए डाल देना चाहिए। यदि दूध तुरंत ठंडा हो जाए तो समझिए कि हीरा असली है।
- सूरज की रोशनी में हीरा रखने पर यदि उसमें से इंद्रधनुष की तरह किरणें परिवर्तित हों तो समझें कि हीरा असली है।
- हीरे की एक पहचान होती है कि यदि असली हीरे पर मोमबत्ती की एक बूंद टपका दी जाए और उसे अंधेरे में रख दिया जाए तो वह वहां भी चमक देता रहेगा। नकली हीरे पर आप जैसे ही मोम की एक बूंद टपकाएंगे तो उसमें बिल्कुल चमक नहीं आएगी।
नीलम
- नीलम को कांच के ग्लास में पानी में रखने से पानी के ऊपर नीली किरण दिखती है।
- धूप में रखने पर उसमें से तेजस्वी किरण परावर्तित होती हैं। असली नीलम को यदि पानी भरे ग्लास में रखा जाए तो उसमें से भी नीले रंग की किरण निकलने लगती है। दूध में असली नीलम रखने पर दूध का रंग नीला दिखता है.
गोमेद
- असली गोमेद में बुलबुले दिखाई नहीं देते हैं। इसके अलावा इसे चौबीस घंटे गोमूत्र में रखने पर उसका रंग बदलने लगता है।
लहसुनिया
- असली लहसुनिया रत्न की पहचान होती है कि इसे पत्थर पर भी रगड़ने पर टूटता नहीं है। इसके अलावा अंधेरे कमरे में रखने पर इसकी किरणे स्पस्ट दिखाई देती हैं।
- असली लहसुनिया रत्न को यदि सूखी हड्डी पर 24 घंटे रख जाए तो हड्डी के आर-पार छेद हो जाता है। इसी प्रकार अंधेरे में लहसुनिया को रखने पर उसकी किरणें दिखाई दें, तो समझ लें कि लहसुनिया असली है। लहसुनिया को यदि सफेद कपड़े से रगड़ने पर उसमें और चमक आ जाए तो समझ लें कि लहसुनिया असली है।
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