गहलोत की अधिकारियों को खरी खरी : सुशासन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं

जयपुर, 13 जनवरी (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को आला अधिकारियों से स्पष्ट कहा कि संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन राज्य सरकार का मूल मंत्र है और हर अधिकारी, कर्मचारी इस सूत्र वाक्य को आत्मसात कर जनता से जुड़े कामों में किसी तरह की कमी नहीं रखे। उन्होंने कहा कि ‘गुड गवर्नेंस’ में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इसके साथ ही गहलोत ने कार्मिक विभाग में एक अलग प्रकोष्ठ बनाने का निर्देश दिया जिसमें उन अधिकारियों व कर्मचारियों के प्रकरण भिजवाए जाएं जो काम में लापरवाह हैं, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें हों या जो आदतन रूप से अनुशासनहीनता करते हों। सरकार उन प्रकरणों पर विचार कर दोषी कर्मी के विरूद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।
गहलोत मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए जिला कलेक्टरों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोगों के वाजिब काम समय पर पूरे करना सरकार का दायित्व है, अगर किसी व्यक्ति का काम समय पर नहीं होता है तो उसे होने वाली पीड़ा के लिए सम्बन्धित अधिकारी और कर्मचारी जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि ‘गुड गवर्नेंस’ की दिशा में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आमजन की राहत के लिए जल्द ही ‘प्रशासन गांवों के संग’ अभियान चलाएगी। इसके लिए संबंधित विभाग अभी से तैयारी शुरू कर दें। उन्होंने कहा, ‘‘किसानों को खेत का रास्ता देने के लिए हमारी पिछली सरकार के समय कानून में संशोधन किया गया था लेकिन दुर्भाग्य से उस मंशा के अनुरूप काम नहीं हुआ।’’ उन्होंने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए कि काश्तकारों को खेतों तक रास्ता देने के लिए अभियान चलाएं।
गहलोत ने भू- अभिलेखों के कम्प्यूटरीकरण तथा तहसीलों को ऑनलाइन करने के काम को प्राथमिकता से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दुर्घटना के प्रकरणों में मुख्यमंत्री सहायता कोष से सहायता देने में देरी न हो। गहलोत ने अधिकारियों से प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में राज्य को अव्वल बनाने को कहा।
भाषा पृथ्वी कुंज
मानसी
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