Adani Net Worth: अमेरिका में जांच और सिक्योरिटी एक्सचेंज कमीशन (SEC) के आरोपों के बीच गौतम अडाणी की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में जोरदार गिरावट देखने को मिल रही है।
इससे एक ओर जहां अडाणी ग्रुप का मार्केट कैपिटलाइजेशन कम हुआ है, तो वहीं अडाणी की नेटवर्थ पर भी बुरा असर पड़ा है। बता दें, 2022 में विश्व में दूसरे स्थान पर रहने वाले अडाणी अब संपत्ति में गिरावट के चलते दुनिया के टॉप अमीरों की लिस्ट में 21वें नंबर पर पहुंच गए हैं।
एक झटके में इतनी घट गई अडाणी की नेटवर्थ
अमेरिका में गौतम अडाणी पर लगाए गए कथित 265 मिलियन डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपये) के रिश्वत मामले में उनकी कंपनियों के शेयर लगातार गिर रहे हैं। ये आरोप उनकी कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी को एक सोलर कॉन्ट्रेक्ट दिलाने के लिए भारतीय अधिकारियों को देने को लेकर लगाए गए हैं।
ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के मुताबिक, शेयर टूटने के असर गौतम अडाणी के नेटनर्थ (Adani Net Worth) पर भी पड़ा है। ये कम होकर अब 70.8 अरब डॉलर रह गई है। इसके बाद बीते 24 घंटे में ही अडानी की संपत्ति 1.19 अरब डॉलर तक कम हो गई।
गौतम अडाणी को US से मिला समन
इस बीच अडानी रिश्वत मामले में पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के एसईसी ने अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर अडाणी को समन जारी किया है। दोनों को रिश्वत मामले में 21 दिनों में अपना जवाब देना होगा।
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि गौतम अडाणी के अहमदाबाद स्थित शांतिवन फार्म हाउस और उनके भतीजे सागर अडानी के इसी शहर में बोदकदेव आवास पर SEC को जवाब देने के लिए हाजिर होना होगा।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद भी आई थी सुनामी
गौरतलब है कि बीते साल 2023 की शुरुआत में यानी जनवरी महीने में ही गौतम अडाणी पर अमेरिका से एक रिपोर्ट आई थी। इससे उनकी संपत्ति में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। दरअसल, 24 जनवरी 2023 को अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने अडानी ग्रुप को लेकर एक रिसर्च रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें शेयरों में हेर-फेर और कंपनियों पर कर्ज को लेकर 88 सवाल उठाए गए थे।
इस रिपोर्ट के पब्लिश होने के बाद भी गौतम अडानी को तगड़ा नुकसान उठाना पड़ा था। उस समय एक ओर जहां अडाणी ग्रुप का मार्केट कैप 150 अरब डॉलर तक घट गया था, तो उनकी नेटवर्थ में भी 60 अरब डॉलर से ज्यादा की गिरावट आई थी।
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7 लोग अमेरिकी आरोपों में शामिल
बता दें, न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोप है कि 2020 से 2024 के बीच अडाणी ग्रीन और एज्योर पावर ग्लोबल को ये सोलर प्रोजेक्ट दिलाने के लिए गलत रूट से भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर को रिश्वत दी गई।
यही नहीं, रिश्वत वाली बात अमेरिकी कंपनी यानी एज्योर पावर ग्लोबल से छुपाई गई। इस कॉन्ट्रेक्ट के जरिए 20 साल में दो अरब डॉलर से ज्यादा मुनाफे का अनुमान लगाया गया था। अमेरिका न्याय विभाग और SEC ने गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर अडाणी समेत इस मामले में सात लोगों को आरोपों में शामिल किया है।
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