Ganga Vilas Cruise: कुछ दिन पहले ही वाराणसी से अपने पहले सफर पर निकला दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज ‘एमवी गंगा विलास’ के छपरा में गंगा नदी के किनारे पर फंसने की खबर सोमवार को सामने आई थी। वहीं इस खबर पर सफाई देते हुए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के चेयरमैन ने ऐसी खबरों को सिरे से खारिज कर दिया।
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (Inland Waterways Authority of India) के चेयरमैन संजय बंद्योपाध्याय ने सोमवार को इस क्रूज के छपरा में गंगा नदी की तलहटी में फंस जाने को लेकर आई खबरों को पूरी तरह नकारते हुए कहा कि यह क्रूज अपने तय कार्यक्रम के अनुरूप पटना पहुंच गया है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘गंगा विलास निर्धारित कार्यक्रम के हिसाब से पटना पहुंच गया। इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है कि क्रूज छपरा में फंस गया था। इसकी आगे की यात्रा भी तय कार्यक्रम के मुताबिक ही आगे बढ़ेगी।’
गंगा विलास क्रूज के संचालक दल में शामिल मुख्य जलीय सर्वेक्षक आरसी पांडेय ने भी बताया कि क्रूज के फंसने की बात सच नहीं है। दरअसल, नदी में पानी कम होने और किनारे पर गाद होने की वजह से इसे किनारे पर ले जाना ठीक नहीं था। उसे पहले ही किनारे से दूर रोक लिया गया। बस, इसी वजह से इसे किनारे पर नहीं ले जाया गया, बल्कि पर्यटकों को छोटी नावों के माध्यम से सुरक्षित तरीके से चिरांद तट पर पहुंचाया गया।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस क्रूज को हरी झंडी दिखाकर वाराणसी से रवाना किया था। गंगा विलास क्रूज 51 दिनों के अपने लंबे सफर में 3,200 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए बांग्लादेश के रास्ते असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगा। इस आलीशान रिवर क्रूज का निर्माण देश में ही हुआ है और यह तमाम सुविधाओं से लैस है। हालांकि इसका सफर करने की मंशा रखने वाले को 50-55 लाख रुपये का किराया देना होगा। इतने महंगे किराये के बावजूद अगले साल मार्च तक की सारी टिकटें बुक हो चुकी हैं।