उज्जैन। Ganga Dussehra 2023: आज मंगलवार को गंगा दशहरा के उपलक्ष्य में जूना अखाड़ा में साधु संतों का शाही स्नान हुआ। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 80 से अधिक कलाकार लागातार 18 घंटे नृत्य की प्रस्तुति देने वाले हैं। जिसकी समाप्ति शाम को शिप्रा घाट (Shipra Ghat) पर महाआरती के साथ होगी।
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हुआ शाही स्नान
नीलगंगा (Ganga Dussehra 2023) स्थित पंचदशनाम जूना अखाड़ा में साधु संतों का शाही स्नान हुआ। जिसके बाद शाम को श्री शिप्रा तीर्थ परिक्रमा का समापन होगा। गोधूलि बेला में मोक्षदायिनी शिप्रा को 400 मीटर लंबी चुनरी ओढ़ाई जाएगी। इसके बाद शिप्रा गंगा माता की महाआरती होगी। खाकचौक स्थित श्री विष्णु सागर परिसर में शिवगंगा महायज्ञ किया जाएगा।
35 वर्षों की परंपरा जारी
आपको बता दें गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2023) के उपलक्ष्य में ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में बीते 35 वर्षों से रसराज प्रभात नृत्य संस्थान के कलाकार नटराज बाबा महाकाल की प्रस्तुति देते आ रहे हैं। यही कारण है कि इस बार भी लगातार 18 घंटे इनकी नृत्य प्रस्तुति देगें। इस बार भी भस्म आरती से शयन आरती तक लगातार 18 घंटे 80 से कलाकार अधिक नृत्य की प्रस्तुति चलेगी। संस्थान के संगत कलाकारों में हर्ष यादव तबला, मानस शर्मा हारमोनियम तथा गायन सृष्टि साहू द्वारा किया जाएगा। बड़वाह के संजय महाजन भी अपने ग्रुप के साथ प्रस्तुति देंगे। नृत्यांगना मृणानिली चौहान व साथी कलाकार शिव वंदना की प्रस्तुति देंगे।
आज समापन होगा
गंगा दशहरा के उलपक्ष्य में सोमवार से दो दिवसीय कार्यक्रम की शुरूआत हुई। शिप्रा (Shipra Ghat) का पंचामृत से अभिषेक कर यात्रा का शुभारंभ किया गया। उच्च शिक्षा मंत्री डा.मोहन यादव और शिप्रा सांस्कृतिक संस्था के संयोजन में ये कार्यक्रम होंगे। साधु संतों के सानिध्य में सैकड़ों श्रद्धालु शिप्रा के जयकारे लगाते हुए यात्रा पर रवाना हुए। दो दिन में शिप्रा के किनारों पर स्थित 50 से अधिक मंदिरों में यात्री दर्शन पूजन करेंगे। आज मंगलवार शाम शिप्रा के रामघाट पर यात्रा का समापन होगा। इसके बाद माता शिप्रा की पूजा अर्चना कर चुनरी चढ़ाई जाएगी। आतिशबाजी के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। शिप्रा के गंधर्वती कुंड पर गंगा माता का पूजन होगा। इसके बाद छप्पन भोग लगाकर महाआरती होगी।
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