नई दिल्ली। गणेश उत्सव शुरू होने Ganesh chaturthi muhurat 2021 वाला है। घरों में गणेशजी की प्रतिमा विराजित की जाएगी। पर प्रतिमा को लाने के पहले या उसे आकार देने के लिए हर किसी के मन में एक ही सवाल आता है कि गणेश जी की सूड़ दाई ओर हो या बांई ओर। तो आइए आज हम आपकी इस कन्फ्यूजन को दूर कर देते हैं। साथ ही और भी कुछ ऐसी बातें बताएंगे। जिन्हें अपनाकर आप श्रीगणेश जी से शुभ फल पा सकते हैं।
किस ओर हो गणेशजी की सूंड़
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविन्द शास्त्री के अनुसार Ganesh chaturthi muhurat 2021 अक्सर लोग घरों में गणेशजी की बायीं ओर घूमी हुई सूंड़ वाली प्रतिमा ले आते हैं। पर ऐसा करना आपके लिए कष्ट का कारण बन सकता है। ज्योतिषाचार्योें की मानें तो बांयी ओर की सूंड़ वाली प्रतिमा विघ्वंसक का कारक बन सकती है। इसलिए प्रतिमा को बनाने या बाजार से लाने के पहले इस बात को जरूर ध्यान रखें। कि प्रतिमा बांयी ओर घूमी हुई सूंड़ वाली न हो। दांयी ओर की सूंड़ वाली प्रतिमा को विघ्य विनाशक माना जाता है। अत: जब भी प्रतिमा लाएं दांयी ओर वाली ही लाएं।
प्रतिमा बैठी हुई हो या खड़ी
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो कोई भी बैठी हुई प्रतिमा स्थायी सुख का प्रतीक मानी जाती है। अगर आप घर में स्थायी सिद्धि और सुख की प्राप्ति चाहते हैं तो हमेशा घर में भगवान गणेश की बैठी हुई प्रतिमा ही लाना चाहिए। यह स्थायी रूप में आपके घर विराजमान होकर हमेशा के लिए सुख व लाभ देते हैं।
एक दंत हैं दयावंत
भगवान का नाम ही एक दंत हैं। जब भी भगवान की प्रतिमा लाएं तो एक दंत वाली ही हो। इसके अलावा भगवान के बालरूप वाली प्रतिमा को लाने से भी बचना चाहिए। जहां तक संभव हो उनकी पत्नि सिद्धि और बुद्धि के साथ विराजित प्रतिमा को लाएं। ऐसी मान्यता है जिससे भगवान गणेशजी के साथ—साथ हमें सिद्धि और बुद्धि दोनों की कृपा प्राप्त होती है।
गणेश जी की स्थापना के मुहूर्त
दिन — शुक्रवार
राहू काल — सुबह 10:30 — 12:00 बजे तक
लाभ और अमृत — सुबह 7:30 — 10:30 बजे तक
शुभ मुहूर्त — दोपहर 12:00 — 1:30