Ram Mandir: भगवान राम लला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मंदिर को तैयार किया जा रहा है. जैसे-जैसे प्राण प्रतिष्ठा की तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे राम भक्तों की संख्या भी बढ़ रही है.
लिहाजा राम मंदिर ट्रस्ट राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने के लिए सभी तैयारी लगभग पूरा कर चुका है. प्राण प्रतिष्ठा के लिए अब मात्र एक माह का समय बचा है. ऐसे में दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक मंदिर को हर तरह से तैयार कर लिया जाएगा.
भव्य मंदिर का निर्माण प्रथम चरण का लगभग पूरा हो गया है. मंदिर के गर्भ ग्रह को तैयार कर लिया गया है. स्तंभों पर मूर्तियां उकेरने का कार्य भी पूरा हो गया है. तो वहीं अब मंदिर में दरवाजे लगाये जाने की कवायद शुरू हो गई है.
सोने के 14 दरवाजे
सबसे पहले उन दरवाजों की बात करते हैं, जिनसे होते हुए राम भक्त इस मंदिर में प्रवेश करेंगे. जानकारी के मुताबिक राम मंदिर(Ram Mandir) में जो 14 दरवाजे लगे हैं, उन सभी पर सोने की मोटी परत चढ़ी होगी.
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लोगों को सोने से चमचमाते हुए ये दरवाजे नजर आएंगे. यानी सोने से चमकते इन द्वारों से लोगों का स्वागत होगा. ये दरवाजे अंदर से कई सालों तक चलने वाली सागौन की लकड़ी से बने हुए हैं. इनके बाहर जो कलाकारी हुई है, वो पूरी तरह से सोने की है.
इन पर हाथी, शंख, चक्र और गदे जैसे चित्र बने हैं. राम मंदिर परिसर में कुल 46 दरवाजे होंगे, सोने से जड़े दरवाजे मंदिर(Ram Mandir) के गर्भगृह में होंगे.
नागर शैली में बन रहा है मंदिर
दरअसल, मंदिर उत्तर भारत की नागर शैली पर बनाया जा रहा है है. नागर शैली उत्तर भारतीय हिन्दू स्थापत्य कला की तीन में से एक शैली है. वास्तुशास्त्र के अनुसार नागर शैली के मंदिरों की पहचान आधार से लेकर सर्वोच्च अंश तक इसका चतुष्कोण होना है.
खास बात यह है नागर शैली के मंदिरों(Ram Mandir) में लोहे और सीमेंट का इस्तेमाल नहीं होता है. भुवनेश्वर में स्थित लिंगराज मंदिर नागर शैली का एक उत्कृष्ट उदाहरण है.
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