हाइलाइट्स
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भस्म आरती के टिकट के लिए ऑनलाइन पैसे लिए
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आंध्र प्रदेश से आया श्रद्धालु परिवार सहित हुआ परेशान
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श्रद्धालु ने मंदिर समिति व महाकाल थाने में शिकायत की
Fraud in Mahakal: उज्जैन के महाकाल मंदिर में भस्म आरती के नाम पर एक और ठगी का मामला पकड़ में आया है।
मंदिर के ही सेवक ने एक श्रद्धालु से भस्म आरती की अनुमति के लिए 14 हजार रुपए ठग लिए। शिकायत के बाद जांच के बाद समिति ने सेवक के मंदिर में विशेष मार्गों से प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।
आध्र प्रदेश के श्रद्धालु ने की शिकायत
जानकारी के मुताबिक घटना 10 अप्रैल की बताई जा रही है। आंध्र प्रदेश के रहने वाले नागोजू सत्यनारायण ने 12 अप्रैल को महाकाल मंदिर समिति को लिखित शिकायत (Fraud in Mahakal) की।
इसमें बताया कि 10 अप्रैल को वह परिवार के साथ उज्जैन आए थे।
सेवक ने 14 हजार ऑनलाइन लिए
यहां रेलवे स्टेशन के पास आंध्रा आश्रम में रुके थे। होटल में पुजारी कैलाश गुरु के सेवक रोमीन शर्मा से महाकाल की भस्म आरती में शामिल करवाने के लिए बात हुई।
रोमीन शर्मा ने दो हजार प्रति व्यक्ति के हिसाब से 7 लोगों के 14 हजार रुपए ऑनलाइन लिए। बातचीत के अनुसार दर्शन 11 अप्रैल को करना थे।
जांच में टिकट फर्जी निकला, सभी को लाइन से बाहर किया
नागोजू ने बताया कि अलसुबह सभी लोग भस्म आरती के लिए लाइन में लगे। परिवार में बुजुर्ग पिता, पत्नी और बच्चे भी शामिल थे।
जब टिकट दिखाने की बारी आई, तो कहा गया कि ये फर्जी है। इसके बाद सभी को बाहर निकाल दिया।
इस तरह वे बिना दर्शन किए ही मंदिर से बाहर आना पड़ा। उस वक्त अहसास हुआ की भगवान के नाम पर ठगी (Fraud in Mahakal) हो गई।
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समिति से शिकायत के बाद सेवक पर लिया यह एक्शन
नागोजू ने 12 अप्रैल को महाकाल थाने और महाकाल मंदिर समिति से लिखित शिकायत (Fraud in Mahakal) की।
जांच के बाद मंदिर प्रशासक मृणाल मीणा के आदेश पर सुरखा और प्रोटोकॉल अधिकारी रूबी यादव ने रविवार रात सेवक रोमीन शर्मा को विशेष मार्गों से प्रवेश पर प्रतिबंध का आदेश जारी किया।
आदेश में कहा गया कि सेवक द्वारा किया गया कृत्य अमर्यादित होकर श्रद्धालुओं के साथ धोखाधड़ी करने वाला प्रदर्शित होता है। साथ ही, मंदिर की प्रतिष्ठा को खराब भी करता है।
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श्रद्धालु ने ऑनलाइन बुकिंग पर भी उठाए सवाल
पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर श्रद्धालु नागोजू ने बताया कि पिछले दो महीने से मंदिर समिति की वेबसाइट पर ऑनलाइन अनुमति के लिए प्रयास कर रहे थे।
सुबह अनुमति के लिए स्लॉट खुलते हैं। कुछ ही मिनट में फुल बता देती है। उन्होंने ऑनलाइन अनुमति के नाम पर चीटिंग का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि फॉर्म भर भी नहीं पाते है कि चंद मिनट में सीट फुल हो जाती है। मंदिर प्रशासन को इसकी जांच कराना चाहिए।