हाइलाइट्स
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सरपंच ने धोखे से निकलवा ली राशि
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अधूरे मकान की जियो टैगिंग की गई
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अधूरे मकान की निकाल ली राशि
CG PM Awas Yojana Update: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे महत्वाकांक्षी पीएम आवास योजना छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई हैं।
दरअसल पेंड्रा विकासखंड (CG PM Awas Yojana Update) में आदिवासी हितग्राहियों को मिलने वाली राशि को सरपंच पर अधिकारियों के साथ साठगांठ कर निकालने का आरोप है। इसकी वजह से हितग्राहियों का आवास पूरा नहीं हो पाया है।
वे पक्की छत के बजाय छप्पर लगाकर रहने को मजबूर हैं। जबकि सरकारी रिकॉर्ड में आवास पूरा हो चुका है और सारी किस्तें भी निकाली जा चुकी हैं।
अब ये आदिवासी अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन सिस्टम के सामने मजबूरी के सिवा उनके हाथ कुछ भी नहीं लग रहा है।
पीएम की महत्वपूर्ण योजना
बिलासपुर संभाग के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में आदिवासियों (CG PM Awas Yojana Update) के साथ हो रहा भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। पेंड्रा जनपद पंचायत के बम्हनी गांव में जो मामला सामने आया है वह पूरे सरकारी तंत्र पर सवालिया निशान लगाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे महत्वाकांक्षी योजना पीएम आवास योजना (CG PM Awas Yojana Update) है। हितग्राही मूलक योजना में गरीब बीपीएल परिवार के हितग्राहियों को पक्का कंक्रीट से बना मकान देने की योजना है।
इसमें भ्रष्टाचार न हो इसके लिए कई तरह के बदलाव किए गए, इसके बाद भी पेंड्रा विकासखंड में इस योजना में बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है।
मजदूरी का भी भुगतान नहीं
ग्राम पंचायत बम्हनी में गरीब हितग्राहियों के अनपढ़ और सीधे-साधे होने का फायदा उठाकर उनके आवास का निर्माण गांव के सरपंच और उसके चहेते ठेकेदारों ने ले लिया।
गरीब अनपढ़ ग्रामीणों के पैसे को हजम कर गए। गांव में दर्जनों ऐसे मकान हैं जो अब तक अधूरे पड़े हैं।
हितग्राहियों ने मामले में सीधे गांव के सरपंच और अधिकारियों पर साठ गांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि जब आवास की योजना (CG PM Awas Yojana Update) आई तो अपने आवास निर्माण में हितग्राहियों ने खुद अपने पास से ईट दी।
मकान की नई खोदने से लेकर दीवार जोड़ने में भी सहयोग के रूप में श्रम किया। जिसका उन्हें भुगतान भी नहीं मिला, पर उनका आवास भी पूर्ण नहीं हो पाया।
हितग्राहियों के पास नहीं पहुंची राशि
ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच के ठेकेदारों ने आवास (CG PM Awas Yojana Update) बनाने के लिए सिर्फ रेत और सीमेंट ही दिया। हितग्राही के खाते में आने वाले सभी पैसे का आहरण भी कर लिया।
अब योजना का पूरा पैसा हितग्राहियों को सरकार द्वारा दिया जा चुका है। जबकि मौके पर आवास पूर्ण नहीं हैं। जरूरी बात यह है कि सरकार ने अलग-अलग स्तर पर मकान के जियो टैगिंग और हितग्राही के साथ फोटो अपलोड करने के बाद ही भुगतान की व्यवस्था की।
बावजूद इसके पूरे सिस्टम में सेंध लगाते हुए भ्रष्टाचारियों के द्वारा किसी दूसरे पूर्ण मकान की फोटो हितग्राही के साथ अपलोड करवा दी। जबकि मौके पर मकान आज भी आधा अधूरा पड़ा है।
कुछ हितग्राहियों ने तो परेशान होकर अपने मकान में छप्पर लगा लिया, जबकि योजना के अनुसार मकान की छत पक्के कंक्रीट से निर्मित होना था।
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नोटिस किया गया जारी
प्रधानमंत्री आवास योजना (CG PM Awas Yojana Update) के सभी मकान छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासन के पूर्व स्वीकृत हुए थे। मतलब हर एक आवास कम से कम 5 साल पुराना है।
आश्चर्य की बात यह है कि पिछले 5 सालों से इन गरीब आदिवासियों के अधूरे आवास पर स्थानीय प्रशासन की नजर क्यों नहीं गई ? जबकि शासन के द्वारा योजना का पूरा पैसा दिया जा चुका है।
हालांकि अब पूरे मामले पर जिला पंचायत के प्रोजेक्ट डायरेक्टर का कहना है कि इस मामले में सरपंच समेत कई लोगों को नोटिस जारी किया गया है।
कोशिश यह की जाएगी कि शीघ्र ही ग्रामीणों के आवास पूरा हो और हितग्राहियों को शासन द्वारा दी जा रही सुविधा का फायदा मिल सके। जिला पंचायत जीपीएम कौशल प्रसाद तेंदुलकर का कहना है कि जोटिस के जवाब के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।