बेथुआडहरी । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने बृहस्पतिवार को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह मनरेगा और पीएम आवास योजना के लिए निर्धारित रकम में हेराफेरी कर रही है। उन्होंने उन अरोपों को आधारहीन करार दिया जिनमें कहा गया है कि केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल को अनुदान देना बंद कर दिया है। पार्टी अध्यक्ष पद के लिए मिले सेवा विस्तार के बाद पहली बार बंगाल दौरे पर पहुंचे नड्डा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल प्रमुख को सुझाव दिया कि वह संविधान के नियमों के अनुरूप काम करें या फिर जनता के आक्रोश का सामना करें। नड्डा ने संकल्प लिया कि भगवा खेमा राज्य में ‘जंगल राज’ को समाप्त करेगा।
उन्होंने कहा कि देशभर में पीएम आवास योजना के तहत 3.7 करोड़ पक्के मकान बनाए गए हैं, लेकिन ममता दीदी के बंगाल में तृणमूल ने पूरी रकम में हेराफेरी की है। वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में मनरेगा और पीएम आवास योजना के लिए निर्धारित केंद्रीय रकम में सत्ताधारी तृणमूल द्वारा हेराफेरी की जा रही है। अब यह केंद्र पर राज्य को पैसा भेजना बंद करने का आरोप लगा रही है, क्योंकि जांच शुरू की गई है।’’
कुछ निर्णयों के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय में वकीलों के आंदोलन का जिक्र करते हुए नड्डा ने कहा, ‘‘यह शर्मनाक है कि तृणमूल कांग्रेस न्यायपालिका का विरोध कर रही है क्योंकि कुछ निर्णय उसके पक्ष में नहीं हुए।’’ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून यानी मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में एक वित्त वर्ष में 100 दिनों के रोजगार का प्रावधान है। नड्डा ने कहा, ‘मोदी जी ने कहा है कि वह भ्रष्टाचारियों को नहीं छोड़ेंगे और उन्हें जेल में डाल देंगे, और यह पश्चिम बंगाल में पहले ही शुरू हो चुका है। भाजपा राज्य में जंगल राज खत्म करेगी, हमें इस गुंडाराज को रोकना होगा।’
तृणमूल सांसद शांतनु सेन ने कहा, ‘‘नड्डा जी को भाजपा अध्यक्ष के रूप में वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव तक सेवा विस्तार मिला है। पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता प्रवासी पक्षियों की तरह हैं जो चुनाव से ठीक पहले आते हैं और हारने के बाद लौट जाते हैं। हम देख चुके हैं कि कैसे भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में डेरा डाला और इसका परिणम क्या रहा।’’ इस विधानसभा चुनाव में 213 सीट जीतकर तृणमूल ने लगातार तीसरी बार सरकार बनाया और भाजपा को 77 सीट से संतोष करना पड़ा था।