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हाइलाइट्स
पूर्व IAS अनिल टुटेजा हुए गिरफ्तार
ईडी ने पूछताछ के बाद बेटे यश को छोड़ा
अनिल टुटेजा आज होंगे स्पेशल कोर्ट में पेश
CG Liquor Scam Case: छत्तीसगढ़ में हुए दो हजार करोड़ के शराब घोटाले (CG Liquor Scam Case) में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा (Anil Tuteja) को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, उनके बेटे यश टुटेजा को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया।
बता दें कि कोर्ट ने अनिल टुटेजा को एक दिन के लिए न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का फैसला सुनाया है। टुटेजा को सोमवार को ईडी की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा।
19 अप्रैल, शनिवार को अनिल टुटेजा और उनके बेटे को ईडी (ED) ने हिरासत में लिया था। दरअसल, शनिवार को टुटेजा और उनके बेटे को ईओडब्लू (EOW) ने पूछताछ के लिए बुलाया था। पूछताछ के बाद जब अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश ईओडब्ल्यू (EOW) ऑफिस से निकले, तभी ED के अफसर दोनों को हिरासत में लेकर जोनल कार्यालय में पूछताछ करने ले गए।
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ईडी ने अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी के पीछे कई कारण बताए हैं। ईडी ने 6 पन्नों पर ग्राउंड आफ अरेस्ट का ब्योरा दिया। इसमें कहा गया कि शराब घोटाले में कारोबारी अनवर ढेबर ने सिंडिकेट बनाया और उस सिंडिकेट को सबसे ज्यादा पावर अनिल टुटेजा से मिलती थी, जो कि कंट्रोलर की भूमिका में थे।
टुटेजा से रात में न की जाए पूछताछ
अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी के बाद बचाव पक्ष के वकील ने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कोर्ट से अपील की कि अनिल की तबीयत खराब है। उन्हें घर का खाना उपलब्ध कराया जाए। इसके साथ ही अनिल को उनकी जरूरी दवाएं उपलब्ध कराने की मांग की गई है। इसके अलावा अनिल से रात में पूछताछ नहीं किए जाने की भी मांग की है।
इससे पहले हो चुकीं ये 3 बड़ी गिरफ्तारियां
आपको बता दें इससे पहले कारोबारी अनवर ढेबर (Anwar Dhebar) और अरविंद सिंह (Arvind Singh) को जेल भेज दिया गया। वहीं बिहार से गिरफ्तार एपी त्रिपाठी (AP Tripathi) ईओडब्ल्यू (EOW) की रिमांड पर हैं, उन्हें 25 तारीख तक रिमांड में भेजा गया है और पूछताछ की जा रही है।
कौन हैं अनिल टुटेजा
अनिल टुटेजा एक आईएएस अधिकारी के तौर पर अपनी सेवा दे चुके हैं और साल 2023 में रिटायर हुए थे। अनिल टुटेजा ने 2003 में यूपीएससी (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा पास की थी। वे राज्य के उद्योग और वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात भी थे।
क्या है शराब घोटाला?
छत्तीसगढ़ में एक बड़ा शराब घोटाला (CG Liquor Scam Case) सामने आया, जिसमें कई बड़े अधिकारी, पदाधिकारियों के शामिल होने के नाम सामने आया। ईडी की जांच के अनुसार, पिछली कांग्रेस सरकार में बड़े स्तर के अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और राजनीतिक अधिकारियों वाला एक सिंडिकेट काम कर रहा था।
ईडी के मुताबिक, 2019 और 2022 के बीच कुछ अनियमितताएं सामने आईं जब राज्य संचालित शराब रिटेलर सीएसएमसीएल (CSMCL) के अधिकारियों ने डिस्टिलर्स से रिश्वत ली थी। पिछले साल जुलाई में जांच एजेंसी ने मामले में एक चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें दावा किया गया कि 2019 में शुरू हुए कथित शराब घोटाले में 2,161 करोड़ का पैसा भ्रष्टाचार से जनरेट हुआ था।
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