कमलनाथ का ग्वालियर दौरा : PCC चीफ बोले, मैं न प्रदेशाध्यक्ष का कैंडिडेट था ना ही सीएम पद का, मुझे हाईकमान ने दी थी जिम्मेदारी

ग्वालियर। दौरे के दूसरे दिन पीसीसी चीफ कमलनाथ ने एक बार फिर कर्जमाफी के मुद्दे पर बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा 26 लाख किसानों के कर्जमाफी के दस्तावेज उनके पास है, बीजेपी भ्रम ना फैलाए, कमलनाथ ने सीएम को चैलेंज देते हुे कहा कर्जमाफी पर मुख्यमंत्री आमने सामने आकर बात करें। कमलनाथ ने इशारों में सिंधिया पर भी हमला बोला। उन्होंने फिर दोहराया कि वो ना प्रदेशाध्यक्ष के कैंडिडेट थे ना ही मुख्यमंत्री पद के लेकिन हाईकमान ने उन्हें ये जिम्मेदारी दी है।
26 लाख किसानों का कर्जा माफ किया
ग्वालियर के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और सिंधिया पर निशाना साधा उन्होंने कहा कि हमने 26 लाख किसानों का कर्जा माफ किया। 2 लाख तक के फसल ऋण वाले किसानों का कर्जा माफ करने की बात की गई थी जो हमने पूरी की। शिवराज जी ने तिजोरी खाली कर रखी थी उपचुनाव को लेकर कहा हमारा संविधान और प्रजातंत्र दाव पर लगा हुआ है, उन्होंने युवाओं से उपचुनाव में कांग्रेस को वोट देकर लोकतंत्र बचाने की अपील भी की।
शिवराज सिंह चौहान सिर्फ घोषणाएं करते रहे
कमलनाथ ने मध्य प्रदेश को भ्रष्टाचार का अड्डा बताते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में पंचायत स्तर से भ्रष्टाचार व्याप्त है उन्होंने कहा कि 15 सालों में प्रदेश में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सिर्फ घोषणाएं करते रहे। उन्होंने युवाओं के लिए कुछ नहीं किया। किसानों की आत्महत्याओं के मामले में मध्य प्रदेश को नंबर वन बना दिया आज का युवा पढ़ा लिखा है ,लेकिन उसे प्रदेश में रोजगार नहीं है।
विकास की बात पर चर्चा नहीं करते सिंधिया
पूर्व सीएम कमलनाथ ने ग्वालियर के विषय में कहा ग्वालियर कभी प्रदेश की पहचान होता था लेकिन पिछले कई सालों में ग्वालियर विकास के मामले में प्रदेश के अन्य शहरों से बहुत पिछड़ा हुआ है यहां मेट्रो फ्लाईओवर जैसे मूलभूत सुविधाओं का अभाव है लेकिन सिंधिया इस पर कभी चर्चा नहीं करते। उन्होंने हमेशा ग्वालियर चंबल अंचल की राजनीति में दखल दिया।
जनता को गुमराह करते हैं
पूर्व सीएम कमलनाथ यही नहीं रुके उन्होंने कहा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनाव आते ही जेब में नारियल लेकर चलते हैं जब मौका लगता है तब नारियल फोड़ देते हैं और जनता को गुमराह करते हैं लेकिन अब यह चलने वाला नहीं है जनता सब जानती हैं हमें सिर्फ 11 महीने का समय मिला था व्यवस्था को सुधार रहे थे लेकिन वोट की चुनी हुई सरकार को नोट से गिरा दिया गया।