हाइलाइट्स
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लोकायुक्त-EOW में दर्ज प्रकरण में अभियोजन स्वीकृति के लिए समिति का गठन।
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CM की अध्यक्षता में हुआ 6 सदस्यीय मिति का गठन।
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समिति विभाग के अभिमत में अंतर होने पर लेगी निर्णय।
MP News: मध्य प्रदेश में शासकीय अधिकारी-कर्मचारी के विरूद्ध लोकायुक्त-EOW जैसी अन्य जांच एजेंसियों में दर्ज प्रकरण के मामले में अभियोजन की स्वीकृति के लिए CM की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। यह समिति विधि एवं विधायी कार्य विभाग और प्रशासकीय विभाग के अभिमत में अंतर होने पर निर्णय लेगी। इसमें अध्यक्ष सीएम मोहन यादव सहित सदस्य उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल, संपतिया उइके रहेंगे।
दरअसल लोकायुक्त, EOW और अन्य जांच एजेंसियों को अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद केस चलाने की अनुमति लेने होती है। ऐसे में प्रकरणों में विधि एवं विधायी कार्य विभाग और प्रशासकीय विभाग को अपना मत देना होता है। कई बार ऐसा होता है, कि इनके मत में भिन्नता होती है। ऐसे मामलों को हल करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की समिति का गठन (MP News) किया गया है। ताकि प्रकरणों को आसानी से हल किया जा सके।
यह हैं समिति के 6 सदस्य
इस 6 सदस्यीय समिति के अध्यक्ष CM डॉ. मोहन यादव रहेंगे। इसके अलावा उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और मंत्री प्रहलाद पटेल के साथ मंत्री संपतिया उइके समिति की सदस्य रहेंगी।
साल 2022 के आंकड़ों पर नजर
2022 के अनुसार, ऐसे करीब 280 अफसर है, जिनके खिलाफ EOW को शिकायत मिली। लेकिन शासन की मंजूरी न मिलने के कारण इनके खिलाफ चार्जशीट पेश नहीं हो पा रही है। एमपी (MP News) लोकायुक्त संगठन को ऐसे 280 अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ जांच करने का इंतजार था। जो कि आज पूरा हो गया। आपको बता दें, कि साल 2022 के हिसाब से आंकड़ो पर नज़र डालें तो इजाजत नहीं मिलने की वजह से भ्रष्टाचार के 15 केस 10 साल से लंबित हैं।
नगरीय आवास और विकास विभाग के करीब 31 मामले लंबित
सामान्य प्रशासन विभाग और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के लगभग 29-29 मामले लंबित
राजस्व विभाग के 25 केस लंबित
स्वाथ्य विभाग के 17 मामले लंबित