हाइलाइट्स
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विशेष सत्र में साबित करेंगे बहुमत
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सभी विधायक रांची लौटे
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JMM बोली- हमारे पास 47 विधायक
Jharkhand Floor Test: झारखंड में चंपई सोरेन सरकार ने विश्वास मत जीत लिया। 5 फरवरी को करीब 2 बजे हुई वोटिंग में पक्ष में 47 तो विपक्ष में 29 वोट पड़े। इससे पहले चंपई ने विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया था। चर्चा के लिए एक घंटे 10 मिनट का समय निर्धारित किया गया था।
झारखंड की चंपई सोरेन सरकार के लिए आज यानी सोमवार का दिन बहुत बड़ा है।
इन विधायकों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस के विधायक शामिल हैं। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और चंपई सोरेन द्वारा सीएम पद की शपथ लेने के बाद इन विधायकों को तेलंगाना भेज दिया गया था। झामुमो ने तब भाजपा पर खरीद-फरोख्त के जरिए विधायकों को दल बदलवाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।
भाषण में हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार और भाजपा को तीखे लहजे में जवाब दिया। कहा कि देश में पहली बार किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया। लगता है इसमें राजभवन शामिल है। जमीन हड़पने का कागज दिखा दीजिए, राजनीति तो दूर झारखंड छोड़ दूंगा।
जांच एजेंसी एक दल के लिए काम करेगी तो ये चिंता की बात- चंपई सोरेन
सीएम चंपई सोरेन ने कहा कि बहुत कुछ करना है। हेमंत सोरेन की सरकार के काम को आगे बढ़ाना है। अमीर और गरीब के बीच की खाई को कम करना है।
केंद्रीय एजेंसी की भी एक पारदर्शिता होनी चाहिए। भेदभाव नहीं होना चाहिए, जो हेमंत सोरेन के साथ हुआ। एजेंसी अगर एक दल के लिए काम करेगी तो ये चिंता का विषय है।
हेमंत सोरेन सदन में अपनी बात रख रहे हैं
31 जनवरी की रात देश में पहली बार किसी मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी हुई। ये देश में पहली घटना है। मुझे लगता है इस घटना को अंजाम देने में कहीं न कहीं राजभवन भी शामिल रहा। जैसे ये घटना हुई, मैं आदिवासी समाज से आता हूं, नियम-कायदे का अभाव रहता है।
हम लोगों की क्षमताएं विपक्ष जैसी नहीं है, लेकिन सही-गलत की समझ तो हर प्राणी, यहां तक कि जानवर भी रखता है। बड़े सुनियोजित तरीके से 31 तारीख के घटनाक्रम की पटकथा लिखी गई।
JMM के विधायक विधानसभा पहुंचे
#WATCH | Jharkhand: MLAs of the JMM-led ruling alliance arrive at the State Assembly in Ranchi for the Floor Test. pic.twitter.com/TRac3cX4mI
— ANI (@ANI) February 5, 2024
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के विधायक बस से विधानसभा पहुंच गए हैं। मीडिया का जमावड़ा है, लेकिन उन्हें किसी से कुछ भी न बोलने का कहा गया है।
हेमंत सोरेन विधानसभा पहुंचे
#WATCH | Former Jharkhand CM Hemant Soren enters State Assembly in Ranchi to participate in the floor test of CM Champai Soren-led government to prove their majority. pic.twitter.com/L0tAqri0LN
— ANI (@ANI) February 5, 2024
पूर्व सीएम हेमंत सोरेन विधानसभा पहुंचे। हेमंत सोरेन 5 दिन की रिमांड पर है।
ED ने भी हाईकोर्ट में याचिका लगाई
ED has moved to the Jharkhand High Court challenging the FIR registered against its officials by former CM Hemant Soren under the SC/ST Act. The petition was filed on 3rd February.
— ANI (@ANI) February 5, 2024
ED ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। इसमें हेमंत सोरेन की तरफ से लगाई उस याचिका को चुनौती दी गई है, जिसमें ED के अफसरों पर एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था।
क्या फ्लोर टेस्ट पास कर लेंगे चंपई?
चंपई सोरेन ने विधायकों को हैदराबाद भेजे जाने से पहले दावा किया था कि उनके पास पूर्ण बहुमत है। सर्किट हाउस से 43 विधायकों के समर्थन वाला वीडियो जारी किया था। हालांकि हेमंत सोरेन को छोड़ दें तो फिर भी चार विधायक इससे बाहर थे।
वहीं, लोबिन हेम्ब्रोम की नाराजगी भी सामने आई थी। हालांकि शिबू सोरेन से मुलाकात के बाद उनके तेवर में बदलाव देखा गया और उन्होंने यहां तक कहा कि विधायकों को हैदराबाद जाने की जरूरत नहीं थी, जो बिकने वाले हैं वे कहीं भी बिक सकते हैं औऱ मुझे कोई नहीं खरीद सकता।
हेम्ब्रोम ने साफ कर दिया है कि वह चंपई सोरेन को समर्थन देंगे लेकिन शिबू सोरेन की बहू और विधायक सीता सोरेन का रुख साफ नहीं हुआ है।
हेमंत सोरेन की याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई
हेमंत सोरेन की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी गई है। हेमंत सोरेन की याचिका आज सोमवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
हस्तक्षेप याचिका में हेमंत सोरेन की ओर से कहा गया है कि उनके खिलाफ कोई केस नहीं है। राजनीतिक विद्वेष के कारण गिरफ्तारी की गई है। गिरफ्तारी गलत और नियमों के विरुद्ध है। उन्होंने ईडी को 5 दिनों का रिमांड दिए जाने को भी चुनौती दी है।
हेमंत सोरेन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गिरफ्तारी की आशंका जताई थी और अदालत से पूछताछ के दौरान उनके खिलाफ पीड़क कार्रवाई नहीं करने का आग्रह किया था।
फ्लोर टेस्ट क्या है?
फ्लोर टेस्ट यह जानने के लिए लिया जाता है कि क्या सरकार को अभी भी विधायिका का विश्वास प्राप्त है। सरल भाषा में कहें तो फ्लोर टेस्ट एक संवैधानिक प्रणाली है, जिसके तहत राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री को राज्य विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहा जाता है। यह संसद और राज्य विधानसभाओं दोनों में होता है।