गुजरात। गुजरात में भारी वर्षा से निचले क्षेत्रों में बाढ़ आ गई है। कई गांवों का संपर्क टूट गया है। नर्मदा और अन्य नदियों के उफान पर होने से पांच जिलों से लगभग 9,600 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। जबकि, लगभग 207 लोगों को बचाया गया।
खोल गए बांध के कई द्वार
सरदार सरोवर बांध इस मानसून में पहली बार रविवार सुबह 138.68 मीटर के पूर्ण भंडारण स्तर (एफआरएल) पर पहुंच गया। इसके बाद अधिकारियों ने पड़ोसी मध्य प्रदेश के जलग्रहण क्षेत्रों से आ रहे अधिक पानी को निकालने के लिए बांध के कई द्वार खोल दिए।
इससे स्थिति और बिगड़ गई। रविवार शाम छह बजे तक 76 मिमी वर्षा होने के बाद अहमदाबाद के कई क्षेत्रों में पानी भर गया, जिससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने पंचमहल, दाहोद, खेड़ा, अरावली, महिसागर, बनासकांठा और साबरकांठा जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। अधिकारियों ने बताया कि जिन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, उनमें प्रभावित 28 गांवों के लोग शामिल हैं।
नर्मदा नदी उफान पर
इसमें नर्मदा जिले में स्टैच्यू आफ यूनिटी के पास स्थित गांव भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद नर्मदा नदी उफान पर है। प्रभावित लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थिति पर नजर रखी जा रही है। भारी वर्षा से कई छोटी नदियां भी उफान पर हैं।
इसके चलते निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है। नर्मदा कलेक्टर श्वेता तेवतिया ने कहा कि राहत एवं बचाव का कार्य जारी है। प्रशासन सरदार सरोवर बांध से पानी छोड़े जाने के कारण उत्पन्न स्थिति पर नजर रख रहा है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रभावित क्षेत्रों का किया सर्वेक्षण
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने वर्षा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने नर्मदा में एनडीआरएफ की दो टीमें, भरूच, राजकोट, जूनागढ़ और वडोदरा में एक-एक टीम तैनात की है। एनडीआरएफ और स्थानीय बचाव टीमों ने नर्मदा जिले के एक आवासीय विद्यालय के लगभग 70 छात्रों और पंचमहल जिले में नदी के पास एक पुल के नीचे फंसे लगभग 100 मजदूरों को सुरक्षित निकाला है।
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