First Heart Transplant In MP: मध्यप्रदेश ने मेडिकल के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। भोपाल एम्स में प्रदेश का पहला सफल हार्ट ट्रांसप्लांट हुआ। कार्डियोथोरेसिक डिपार्टमेंट के कार्डियक सर्जन डॉक्टर सुरेंद्र सिंह यादव और डॉक्टर योगेश निवारिया की टीम ने हार्ट ट्रांसप्लांट किया। जबलपुर में सागर के बलिराम कुशवाहा ब्रेन डेड घोषित किए गए थे। उनके अंगदान से 2 लोगों को नई जिंदगी मिली।
रातों-रात बने 3 ग्रीन कॉरिडोर
जबलपुर में ब्रेन डेड मरीज की सूचना मिलते ही राज्य शासन ने तुरंत कार्रवाई की। एम्स भोपाल के डॉक्टरों की एक टीम रातों-रात जबलपुर पहुंची और अंग रिट्रीवल की प्रक्रिया की। इस पूरी प्रक्रिया में जबलपुर, भोपाल और इंदौर में 3 ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। पुलिस और चिकित्सा विभाग ने बेहतरीन समन्वय से अंगों का समय पर परिवहन हुआ। हार्ट को एयर एंबुलेंस की मदद से जबलपुर से भोपाल एम्स भेजा गया। वहीं एयरपोर्ट पर एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई। इसलिए हार्ट को पुलिस की गाड़ी से एम्स भेजा गया।
एम्स भोपाल की CTVS की टीम ने रातभर की यात्रा
एम्स भोपाल की कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जनों (सीटीवीएस) की एक समर्पित टीम ने एक चुनौतीपूर्ण कार्य को अंजाम देने के लिए रातभर यात्रा की। यह टीम रात 12 बजे सड़क मार्ग से भोपाल से रवाना हुई और जबलपुर पहुंचकर हृदय प्रत्यारोपण के लिए अंग प्राप्ति की प्रक्रिया शुरू की। यह प्रक्रिया सुबह 10:30 बजे सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई। सर्जिकल टीम के साथ हृदय को सुबह 10:50 बजे विमान के माध्यम से जबलपुर से एयरलिफ्ट किया गया। अधिकारियों के कुशल समन्वय और उन्नत योजना के कारण, विमान दोपहर 12 बजे राजा भोज एयरपोर्ट, भोपाल पर उतरा। कानून प्रवर्तन और अस्पताल प्रशासन द्वारा सावधानीपूर्वक तैयार किए गए “ग्रीन कॉरिडोर” के माध्यम से अंग को एम्स भोपाल तक शीघ्रता से पहुंचाया गया।
सफल हार्ट ट्रांसप्लांट
AIIMS भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. डॉ. अजय सिंह और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. डॉ. शशांक पुरवार हृदय प्राप्त करने के लिए मौके पर मौजूद थे और पूरे सीटीवीएस टीम के प्रयासों की सराहना की। इस हृदय प्रत्यारोपण प्रक्रिया को कुशल सर्जन टीम द्वारा अंजाम दिया गया, जिसमें डॉ. योगेश निवारिया, डॉ. एम किशन, डॉ. सुरेंद्र यादव, डॉ. राहुल शर्मा, डॉ. विक्रम वट्टी, और डॉ. आदित्य सिरोही शामिल हैं। इस प्रक्रिया में कार्डियोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. भूषण शाह की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस प्रत्यारोपण कार्य में कार्डियक एनेस्थेटिस्टों की टीम ने डॉ. वैशाली वेंडेस्कर के मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण सहयोग दिया, जिसका नेतृत्व डॉ. नागभूषणम कर रहे थे।
प्रत्यारोपण समन्वयक दिनेश मीना ने इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नर्सिंग स्टाफ, जिसमें शैलेश, ममराज, ललित, पल्लवी, दिनेश पंचाल और पूनम शामिल हैं, ने इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके अलावा परफ्यूजनिस्ट वेदांत और सुषमा ने भी प्रत्यारोपण की सफलता सुनिश्चित करने में अपनी विशेषज्ञता प्रदान की । हृदय को इटारसी के 53 साल मरीज में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया गया है।
प्रो. डॉ. अजय सिंह बोले- हमें गर्व है
प्रो. डॉ. अजय सिंह ने सफल हार्ट ट्रांसप्लांट को लेकर कहा कि ये सफलता एम्स भोपाल के समर्पित डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन की कठिन मेहनत का परिणाम है। हम गर्व महसूस कर रहे हैं कि हमने मध्यप्रदेश में पहली बार इस महत्वपूर्ण चिकित्सा प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। यह प्रत्यारोपण न केवल राज्य के चिकित्सा इतिहास में एक मील का पत्थर है, बल्कि यह जीवनदान देने के लिए अंगदान करने वाले परिवार की महानता और उदारता का भी प्रतीक है।
इंदौर में लिवर ट्रांसप्लांट
ब्रेन डेड बलिराम का लिवर हेलीकॉप्टर के जरिए इंदौर के चोइथराम अस्पताल भेजा गया। लिवर को पहले हेलीकॉप्टर से भोपाल हवाई अड्डे लाया गया और वहां से प्लेन से इंदौर पहुंचाया गया। चोइथराम अस्पताल में लिवर ट्रांसप्लांट हुआ।
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने क्या कहा ?
मध्यप्रदेश की सफल हार्ट ट्रांसप्लांट की उपलब्धि पर डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने प्रसन्नता जताई। उन्होंने कहा कि ये स्वास्थ्य विभाग और नेता जी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर और एम्स भोपाल के चिकित्सीय स्टाफ की सजगता और कर्तव्यनिष्ठा का प्रमाण है। प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग जनसेवा के प्रति पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने इस प्रक्रिया में शामिल डॉक्टरों, सहयोगी स्टाफ और पुलिस प्रशासन को बधाई दी है, जिनकी मेहनत और तत्परता से यह संभव हो पाया।
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अंगदान की पहल महान
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने बलिराम कुशवाहा के परिजन की अंगदान की पहल को महान और प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा कि बलिराम कुशवाहा के परिवारजन ने इस कठिन समय में जो उदार और संवेदनशील निर्णय लिया है, वह न केवल सराहनीय है, बल्कि समाज के लिए एक मिसाल भी है।
भोपाल एम्स में इलाज कराना चाहते हैं आप, जानें किस दिन कौन से डिपार्टमेंट की OPD, देखें लिस्ट
AIIMS Bhopal OPD Schedule: अगर आप या आपके परिवार का कोई सदस्य किसी बीमारी से परेशान है और भोपाल के एम्स में इलाज कराना चाहता है तो ये खबर आपके लिए है। अस्पताल जाने से पहले आपको ये जानना जरूरी है किस दिन कौन से डिपार्टमेंट की OPD रहती है। यानि किस दिन कौन सी बीमारी के मरीजों को डॉक्टर्स देखते हैं। भोपाल के एम्स जाने से पहले आप OPD शेड्यूल (AIIMS Bhopal OPD Schedule) जरूर देख लें ताकि आपको किसी तरह की परेशानी ना हो। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें…