भंडारा अस्पताल में आग: एक नवजात बच्ची को अस्पताल से मिलने वाली थी छुट्टी

(चार्ल्स साल्वे)
भंडारा (महाराष्ट्र), नौ जनवरी (भाषा) भोजपुर इलाके के सोनझड़ी टोला का बेहेरा परिवार अपनी दो महीने की बच्ची को घर लाने की तैयारियां कर रहा था, लेकिन भंडारा अस्पताल में लगी आग ने उनकी खुशियों को ऐसी असहनीय पीड़ा में बदल दिया, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती।
बेहेरा परिवार की बच्ची को भंडारा जिला अस्पताल से आठ दिन में छुट्टी मिलने वाली थी, लेकिन आग ने उनकी बच्ची को हमेशा के लिए उनसे छीन लिया।
गीता और विश्वनाथ बेहेरा (22) के घर खुशियां लाने वाली बच्ची का जब पिछले साल 10 नवंबर को जन्म हुआ था, उस समय उसका वजन (830 ग्राम) कम होने के कारण उसे अस्पताल में रखा गया था। बेहेरा परिवार की बच्ची उन 10 नवजात शिशुओं में शामिल थी, जिनकी सरकारी अस्पताल की विशेष नवजात देखरेख इकाई में शुक्रवार देर रात आग लगने से मौत हो गई।
विश्वनाथ ने बताया कि उनकी बच्ची के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा था और उसे आठ दिन में छुट्टी मिलने वाली थी।
उन्होंने कहा, ‘‘उसका वजन बढ़कर 1.3 किलोग्राम हो गया था और एक नर्स ने हमें बताया था कि हमारी बच्ची का वजन जब 1.5 किलोग्राम हो जाएगा, तब उसे छुट्टी मिल जाएगी। गीता ने कल शाम चार बजे बच्ची को देखा था और हमें आज आग लगने की खबर मिली, जिसने हमें तबाह कर दिया।’’
श्रमिक के तौर काम करने वाले विश्वनाथ ने कहा, ‘‘हमने अपनी बच्ची का नामकरण भी नहीं किया था और हमें आज उसका झुलसा शरीर मिला।’’
उन्होंने बताया कि किसी ने मुआवजे को लेकर उनसे कोई बात नहीं की है।
गीता अपनी बच्ची की मौत के कारण सदमे में है और बात भी नहीं कर पा रही।
भाषा
सिम्मी माधव
माधव