Jabalpur School News: जबलपुर जिला प्रशासन ने सोमवार को निजी स्कूल संचालक के खिलाफ 25 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध फीस वसूली के मामले में महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। इस मामले में जॉय एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष और संचालक अखिलेश मेबन और सोसायटी के सचिव अनुराग श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया गया।
वहीं, सोसायटी की कोषाध्यक्ष कविता बलेछा फरार है। जिला प्रशासन की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि स्कूल संचालक ने अवैध रूप से फीस वसूली की है, जिसका उपयोग उन्होंने लग्जरी कारें खरीदने, दुबई में घूमने, और प्रॉपर्टी में निवेश करने के लिए किया है। इसके साथ ही संचालक ने स्कूल में फर्जी आईएसबीएन नंबर वाली किताबों को पाठ्यक्रम में शामिल किया, जिससे विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ा।
स्कूल की आय छुपाने की कोशिश
निजी स्कूल फीस विनिमय अधिनियम के तहत, स्कूल प्रबंधन केवल एक ही खाते में फीस ले सकता है, लेकिन जांच में सामने आया है कि स्कूल प्रबंधन ने कई खातों (Joy Senior Secondary School) में रकम ट्रांसफर की है।
इससे उन्होंने अपनी आय को कम बताने की कोशिश की। इस कदम का उद्देश्य उन्हें टैक्स से बचाना था। यह स्थिति सरकारी नियमों का उल्लंघन है और इस प्रकार की धोखाधड़ी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
जांच में सामने आईं गंभीर अनियमितताएँ
आपको बता दें कि जांच में खुलासा हुआ है कि स्कूल प्रबंधन ने बिना प्रस्ताव के 10% से अधिक फीस बढ़ाई है। विशेषतौर पर, स्कूल ने पिछले 5 वर्षों में फीस वृद्धि (Joy Senior Secondary School) का कोई प्रस्ताव नहीं पेश किया और ऑडिट रिपोर्ट को भी पोर्टल पर अपलोड नहीं किया। इसके अलावा, जिला या राज्य समिति की सहमति के बिना फीस में वृद्धि की गई।
जांच में यह भी पाया गया कि 106 किताबों में से 13 किताबों के आईएसबीएन फर्जी थे, जिन्हें नए पाठ्यक्रम में जोड़ा गया था, जिससे अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक (Joy Senior Secondary School) बोझ पड़ा।
2017-18 से अब तक स्कूल ने अवैध रूप से 25 करोड़ 21 लाख 12 हजार 40 रुपए वसूले हैं। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि मामले में कार्रवाई जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है।
जॉय सीनियर सेकेंडरी स्कूल पर आरोप है कि छात्रों से वसूली गई फीस की राशि का उपयोग लग्जरी कार खरीदने और विदेश यात्राओं में किया गया है। जबलपुर के जिला शिक्षा (fir on Joy Senior Secondary School) अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा गठित जांच समिति ने निरीक्षण में पाया कि स्कूल ने नियमों का उल्लंघन करते हुए 10 प्रतिशत से अधिक फीस बढ़ाई है।
अब स्कूल को इस राशि को छात्रों को वापस करने के लिए कहा गया है। इस प्रकार की अनियमितताओं के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, जिससे कि भविष्य में ऐसी स्थिति न बने।
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