New JNU Rules: देश के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अब नए नियम लागू कर दिए गए है। नए नियमों के अनुसार, विश्वविद्यालय परिसर में धरना देने पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। जबकि इस दौरान हिंसा करने पर उनका दाखिला भी रद्द किया जा सकता है या 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।
बता दें कि 10 पन्नों के ‘जेएनयू के छात्रों के अनुशासन और उचित आचरण के नियम’ में विरोध और जालसाजी के लिए दंड और प्रॉक्टोरियल जांच और बयान दर्ज करने की प्रक्रिया का प्रावधान किया गया है। दस्तावेज़ के अनुसार, नियम 3 फरवरी को लागू हुए। बता दें कि नए नियम तब आए है जब विश्वविद्यालय ने बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर कई विरोध प्रदर्शन देखे।
नियमों के दस्तावेज़ में कहा गया है कि इसे कार्यकारी परिषद द्वारा अनुमोदित किया गया है, जो विश्वविद्यालय की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है। बता दें कि नए नियम विश्वविद्यालय के सभी छात्रों पर लागू होंगे, जिनमें अंशकालिक छात्र भी शामिल हैं, चाहे इन नियमों के शुरू होने से पहले या बाद में प्रवेश दिया गया हो।
17 “अपराधों” के लिए दंड तय किए गए हैं जिनमें रुकावट, जुआ में लिप्त होना, छात्रावास के कमरों पर कब्जा करना, अपमानजनक भाषा का उपयोग और जालसाजी करना शामिल है। नियमों में यह भी कहा गया कि शिकायतों की एक कॉपी माता-पिता को भेजी जाएगी।
इधर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जेएनयू सचिव विकास पटेल ने नए नियमों को “अधिनायकवादी (‘तुगलकी’)” करार दिया। साथ ही इस “कठोर” आचार संहिता को वापस लेने की मांग करते हुए दावा किया कि पुरानी आचार संहिता पर्याप्त रूप से प्रभावी थी।