नई दिल्ली। उद्योग मंडल फिक्की ने आम बजट से पहले सरकार से फेरोनिकल पर बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) घटाकर शून्य करने और स्टेनलेस स्टील फ्लैट उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करने का अनुरोध किया है। फिक्की ने अपनी बजट सिफारिशों में सरकार से अनुरोध किया है कि स्टेनलेस स्टील कबाड़ (स्क्रैप) पर 31 मार्च, 2022 के बाद भी कोई शुल्क नहीं लगाया जाए। अभी फेरोनिकल पर बीसीडी 2.5 फीसदी और स्टेनलेस स्टील फ्लैट उत्पादों पर 7.5 प्रतिशत है। स्टेनलेस स्टील स्क्रैप पर 31 मार्च, 2022 तक शून्य सीमा शुल्क की व्यवस्था है।
स्टेनलेस स्टील के निर्माण के लिए सबसे अहम कच्चा माल
फेरोनिकल पर शून्य शुल्क की मांग करते हुए फिक्की ने कहा कि यह स्टेनलेस स्टील के निर्माण के लिए सबसे अहम कच्चा माल है। उसने कहा कि शुद्ध निकेल धातु बहुत महंगी होती है, इस वजह से स्टेनलेस स्टील उद्योग की बड़े पैमाने पर निकेल संबंधी आवश्यकताएं फेरोनिकल और स्टेनलेस स्टील स्क्रैप के जरिये पूरी होती हैं। देश में निकेल अयस्क की कमी है इसलिए यहां पर फेरोनिकल का उत्पादन नहीं होता है। ऐसे में घरेलू स्टेनलेस स्टील विनिर्माताओं को इसे जापान, दक्षिण कोरिया और यूनान जैसे देशों से आयात करना पड़ता है। फिक्की ने कहा कि स्टेनलेस स्टील फ्लैट उत्पादों का आयात बीते कुछ महीनों में बहुत तेजी से बढ़ा है। 2020-21 में औसत मासिक आयात 34,105 टन था जो जुलाई, 2021 में 127 प्रतिशत बढ़कर 77,337 टन पर पहुंच गया। उद्योग मंडल ने कहा कि उच्च आयात से घरेलू उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है जबकि घरेलू मांग की पूर्ति करने की क्षमता घरेलू उद्योग में है।