Fertilizer Crisis MP: मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में किसान खाद की कमी से परेशान हैं। पिछले एक हफ्ते से खाद की मांग बढ़ी हुई है, लेकिन किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार खाद नहीं मिल पा रही है। किसान सुबह से ही खाद बिक्री केंद्रों के बाहर लाइनों में लग रहे हैं, लेकिन खाद की उपलब्धता नहीं हो पा रही है। मुरैना में किसानों ने रात 2 बजे से खाद के लिए लाइन लगाना शुरू कर दिया था। जबकि यह जिला प्रदेश के कृषि मंत्री का है। जब प्रदेश के कृषि मंत्री के जिले में ही यह हालत है तो बाकी प्रदेश में किसानों की समस्या का अंदाजा लगाया जा सकता है।
रात 2 बजे से कृषि उपज मंडी में जुटे किसान
मुरैना कृषि उपज मंडी में खाद वितरण केंद्र के बाहर मंगलवार को बड़ी संख्या में किसान, महिलाएं सहित, खाद लेने के लिए जमा हुए। टोकन वितरण शुरू होते ही किसानों ने हंगामा शुरू कर दिया। एसडीएम और तहसीलदार के हस्तक्षेप से पुलिस की निगरानी में टोकन वितरित हो सके। डीएपी खाद के लिए किसान रात 2 बजे से मार्कफेड के गोदाम पर कतार में लग रहे हैं। इसके बाद भी जरूरत के मुताबिक खाद नहीं मिल रहा है। इसके पहले सोमवार काे गल्ला मंडी गोदाम पर किसानों की भीड़ टोकन लेने के लिए टूट पड़ी थी।
कई किसानों को 4 दिन बाद भी नहीं मिला खाद
मुरैना में किसान खाद की कमी से परेशान हैं। कई किसान चार दिन से खाद के लिए भटक रहे हैं। टोकन मिलने के बाद भी खाद की उपलब्धता नहीं हो पा रही है, जिससे किसानों की मुसीबतें बढ़ रही हैं। रवि की फसल के सीजन में किसानों को खाद की सख्त जरूरत है, खासकर खरीफ की फसल के नुकसान के बाद। किसान सुबह से ही खाद के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं ताकि वे रबी की फसल को समय पर लगा सकें।
कर्मचारियों की लापरवाही से खाद की किल्लत
दोनारी गांव के किसान खाद की कमी से परेशान हैं और उन्हें लगता है कि कर्मचारियों की लापरवाही इसका कारण है। उनका आरोप है कि ये कर्मचारी खाद को ब्लैक में स्टॉक कर रहे हैं और सरकार को बदनाम कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि सरकार की ओर से पर्याप्त खाद भेजा जा रहा है, लेकिन कर्मचारी अपने चहेतों को चुपचाप से टोकन दे देते हैं और लाइन में लगने वालों को टोकन नहीं मिलता। दूसरी ओर, एसडीएम भूपेंद्र सिंह का कहना है कि खाद की कोई कमी नहीं है, बल्कि भीड़ अधिक होने के कारण कुछ देर के लिए टोकन वितरण रोका गया था।
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