114 साल की उम्र और ऐसा जज़्बा कि दुनिया झुककर सलाम करती थी। लेकिन अब टर्बन टॉर्नेडो की ज़िंदगी की सबसे लंबी दौड़ खत्म हो गई है। दुनिया के सबसे उम्रदराज़ मैराथन रनर, फौजा सिंह का निधन एक सड़क हादसे में हो गया। जालंधर के पास अपने घर के बाहर टहलते वक्त एक तेज़ रफ्तार कार ने उन्हें टक्कर मार दी। अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उम्र के इस मुकाम पर शरीर ने साथ छोड़ दिया। फौजा सिंह, वो नाम जिसने उम्र को हराया। 89 साल की उम्र में पहली बार मैराथन में दौड़े, और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 100 साल की उम्र में टोरंटो मैराथन पूरी की, बिना रुके, बिना थके। 2012 में लंदन ओलंपिक की मशाल उठाने वाले फौजा सिंह, दुनियाभर में टर्बन टॉर्नेडो के नाम से मशहूर हुए। उनकी दौड़, उनकी मुस्कान, और उनकी अटूट इच्छाशक्ति आज भी करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा है। उनके निधन की खबर से देशभर में शोक की लहर है। एक सदी से ज़्यादा लंबी यह रफ्तार अब थम चुकी है, लेकिन उनकी कहानी हमेशा लोगों के दिलों में दौड़ती रहेगी।