हाइलाइट्स
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जया एकादशी की उपासना से मिलती है ब्रह्महत्या पाप से मुक्ति।
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मिलता है भूत-प्रेत योनि से छुटकारा।
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स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया इसका महत्व।
Jaya Ekadashi 2024: आज जया एकादशी है आज के दिन का बहुत विशेष महत्व माना जाता है। जया एकादशी के दिन व्रत रखा जाता है और भगवान विष्णु का विधि-विधान से पूजा-पाठ किया जाता है। आज के दिन भगवान की विधि पूर्वक पूजा करने से ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही भूत प्रेत की योनि से छुटकारा मिलता है।
शास्त्रों में जया एकादशी का महत्व
शास्त्रों में जया एकादशी का जिक्र बताया जाता है। साथ ही जया एकादशी का महत्व मनुष्य के जीवन में बहुत माना जाता है।
शास्त्र कहतें हैं, कि जो व्यक्ति श्रद्धा पूर्वक सच्चे मन से जया एकादशी का व्रत रखता है और व्रत को सकुशल पूरा कर लेता है, उसे मृत्यु के बाद भूत प्रेत नहीं बनना पड़ता है।
आपको बता दें, कि जब भी मनुष्य अकाल मृत्यु को प्राप्त करता हैं, तो उसे भूत प्रेत की योनि मिलती है, लेकिन जया एकादशी का व्रत करने से मनुष्य इस भूत, प्रेत की योनि से बच जाता है। साथ ही मोक्ष को प्राप्त करता है। इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य के लिए कुयोनि को त्याग कर स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं।
व्रत करने से मिलती है ब्रह्महत्या से मुक्ति
हर साल की तरह इस साल भी जया एकादशी मनाई जा रही है। जया एकादशी के महत्व का उल्लेख ‘पद्म पुराण’ और ‘भविष्योत्तर पुराण’ दोनों में मिलता है।
स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को इस दिन का महत्व बताते हुए कहा था कि, इस दिन जो भी उपवास करेगा, श्रद्धानुसार भजन-पूजन करेगा। उसे ब्रह्महत्या जैसे पापों से भी मुक्ति मिल जाएगी।
जया एकादशी का महत्व
जया एकादशी का जिक्र पद्म पुराण में भी किया गया है। जया एकादशी के दिन व्रत करने से हर तरह के पाप और अधम भूत-प्रेत की योनि से मुक्ति मिलती है। साथ ही साधक को जीवन में सभी भौतिक और आध्यात्मिक सुख मिलते हैं।
मान्यता है, कि जया एकादशी व्रत करने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही आपके जीवन के पापों का नाश होता है। आपके बिगड़े काम बन जाते हैं। अगर कोई मनुष्य इस व्रत को करने की सलाह किसी को देता है, तो उसका भी पुण्य मिलता है।
जया एकादशी 2024 पूजा मुहूर्त
जया एकादशी का व्रत 20 फरवरी मंगलवार के दिन रखा जाएगा। आप श्रीहरि विष्णु की पूजा सूर्योदय के समय से ही कर सकते हैं। इस समय प्रीति योग और रवि योग रहेगा। साथ ही इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05 बजकर 14 मिनट से 06 बजकर 05 मिनट तक रहेगा। इस समय पूजा करके आप भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।