Farmers Protest in Bhopal: बिजली बिलों में वृद्धि और फसलों के दाम सहित कई मुद्दों को लेकर प्रदेश भर के किसान भारतीय किसान संघ (भाकिसं) के नेतृत्व में राजधानी भोपाल में जुटे हैं। किसान लिंक रोड नंबर-1 स्थित भाकिसं कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआईएस) की तैयारी और सड़कों के डामरीकरण के चलते प्रशासन ने उन्हें मुख्य सड़क पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी है। इसके कारण किसान संघ कार्यालय के सामने सर्विस रोड पर धरना दे रहे हैं।
वल्लभ भवन घेराव की तैयारी, पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा
किसान संघ ने दोपहर 3 बजे के बाद वल्लभ भवन (मुख्यमंत्री कार्यालय) का घेराव करने की योजना बनाई है। इसके मद्देनजर पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है और बैरिकेडिंग कर दी गई है ताकि किसान आगे न बढ़ सकें। वल्लभ भवन के आसपास बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
भाकिसं की चेतावनी, बाहरी किसानों को न रोका जाए
भारतीय किसान संघ ने प्रशासन को सख्त चेतावनी दी है कि बाहर से आने वाले किसानों को रोका नहीं जाए। संघ ने कहा कि यदि पुलिस ने किसानों को रोकने की कोशिश की तो वे उसी स्थान पर धरना प्रदर्शन शुरू कर देंगे।
किसान संघ ने सरकार के खिलाफ उठाई आवाज
भारतीय किसान संघ ने मध्यप्रदेश सरकार के खिलाफ विरोध का बिगुल फूंका है। संघ के मध्य भारत प्रांत अध्यक्ष सर्वज्ञ दीवान ने कहा कि प्रदेश के किसान राजस्व विभाग में हो रही लूट से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि फौती नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, बटांकन और नक्शा सुधार जैसे कार्यों में भ्रष्टाचार चरम पर है।
प्रशासन की उपेक्षा से नाराज किसान
भाकिसं के पदाधिकारियों का कहना है कि किसानों की समस्याओं को लेकर तहसील और जिला स्तर पर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे गए, लेकिन प्रशासन ने किसानों की किसी भी समस्या पर ध्यान नहीं दिया है। इसी कारण किसान अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए भोपाल आए हैं।
ग्रामीण स्तर पर हुई तैयारी
अन्नदाता अधिकार रैली और वल्लभ भवन घेराव में शामिल होने के लिए भाकिसं के ग्राम समिति से लेकर प्रांत स्तर तक के पदाधिकारियों ने गांव-गांव बैठकें की। इन बैठकों में किसानों की समस्याओं पर चर्चा कर उन्हें भोपाल आने के लिए प्रेरित किया गया।
बिजली बिलों में वृद्धि से नाराज किसान
किसानों का आरोप है कि बिजली विभाग द्वारा कृषि विद्युत कनेक्शन में हॉर्स पावर भार बढ़ाए जाने के कारण उन्हें अधिक बिजली बिल भेजे जा रहे हैं। किसानों का कहना है कि बिना जांच के भार वृद्धि करना अनुचित है। इस मुद्दे पर किसान सरकार के खिलाफ आंदोलन पर उतर आए हैं और उन्होंने सरकार के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया है।
क्या है किसानों की प्रमुख मांगें?
- फौती नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, बटांकन, ऑनलाइन रिकार्ड और नक्शा सुधारा जाए।
- हॉर्स पावर क्षमता बढ़ोतरी वापस ली जाए। जले ट्रांसफॉर्मर और लाइन समय सीमा में बदले।
- डीएपी, यूरिया खाद सहकारिता के माध्यम से नगद वितरण समय पर करें।
- मंडियों में फ्लेट कांटों में तुलाई अनिवार्य हो और मंडी परिसर में भुगतान होना चाहिए।
- नकली दूध बनाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएं।
- राज्य में गो-अभयारण खोले जाएं।
- फसलों को एमएसपी से नीचे नहीं खरीदा जाए।
किसानों ने साफ कहा है कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
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