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देपालपुर में किसानों का प्रदर्शन: चीनी लहसुन और जंगली सूअर की समस्या पर उठाई आवाज, बोले- 'समस्या हल नहीं हुई तो...'

Farmers Protest: इंदौर के देपालपुर तहसील के किसानों ने चीन से अवैध रूप से चीनी लहसुन और फसलों को बर्बाद कर रहे घोड़ा रोज़ व जंगली सूअरों की समस्या को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया।

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Shashank Kumar
Farmers Protest

Farmers Protest: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर इंदौर के देपालपुर तहसील के किसानों ने चीन से अवैध रूप से आयातित लहसुन और फसलों को बर्बाद कर रहे घोड़ा रोज़ व जंगली सूअरों की समस्या को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। तहसील कार्यालय के बाहर किसानों ने नारेबाजी की और एसडीएम रवि वर्मा को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन का नेतृत्व रामस्वरूप मंत्री, बबलू जाधव, चंदन सिंह बडवाया, शैलेंद्र पटेल और आशीष पटेल ने किया।  

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चीन लहसुन का अवैध आयात

ज्ञापन में कहा गया कि चीन का लहसुन अवैध रूप से अफगानिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और ईरान के रास्ते भारत में लाया जा रहा है। यह स्थानीय मंडियों में लहसुन के दाम गिराने का मुख्य कारण है, जिससे किसान घाटे में जा रहे हैं। मालवा-निमाड़ क्षेत्र की लहसुन देशभर में मशहूर है, लेकिन अवैध आयात के कारण किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है।

घोड़ा रोज़ और जंगली सूअर का आतंक  

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि घोड़ा रोज़ और जंगली सूअर फसलों को पूरी तरह नष्ट कर रहे हैं। इनके हमलों से किसानों की जान पर भी खतरा बना हुआ है। पिछले साल भी इस समस्या को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया था, लेकिन सरकार की ओर से ठोस कदम नहीं उठाए गए।  

इंदौर जिले के 186 किसानों का 2019 से लंबित भुगतान अब तक नहीं किया गया है, जिससे किसानों में रोष है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि मंडी निधि से शीघ्र भुगतान किया जाए।  

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प्रदर्शनकारियों की चेतावनी

किसानों (Farmers Protest) ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि चीन लहसुन का आयात और उसकी बिक्री नहीं रुकी और जंगली सूअर व घोड़ा रोज़ की समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो 10 दिन के भीतर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आंदोलन के लिए प्रशासन और सरकार जिम्मेदार होगी।  

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प्रभाव और संभावनाएं

इस प्रदर्शन से किसानों की समस्याओं पर सरकार का ध्यान केंद्रित हो सकता है। मालवा-निमाड़ जैसे कृषि प्रधान क्षेत्र में इन मुद्दों का समाधान किया जाना न केवल किसानों के हित में होगा, बल्कि कृषि अर्थव्यवस्था के लिए भी आवश्यक है।

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कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि स्थानीय किसानों को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए सरकार को अवैध आयात पर सख्त कदम उठाने होंगे। साथ ही, जंगली जानवरों की बढ़ती समस्या के लिए वन विभाग और स्थानीय प्रशासन को सामूहिक प्रयास करने होंगे।

किसानों (Farmers Protest) के इस प्रदर्शन ने उनकी समस्याओं को फिर से उजागर किया है। यदि सरकार जल्द ठोस कार्रवाई नहीं करती है, तो यह आंदोलन बड़े पैमाने पर हो सकता है।

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