Fake Sim Card : वो जमाना चला गया जब फर्जी कागजों पर मोबाइल सिम मिल जाती थी। अब नई सिम लेने के नियम बदल चुके है। अब फर्जी तारीके से सिम कार्ड लेना आपको महंगा पड़ सकता है। अगर कोई व्यक्ति फर्जी कागज से सिम लेता है, या ओटीटी पर अपनी पहचान गलत बताता है, तो ऐसे व्यक्ति को 50 हजार का जुर्मान या फिर 1 साल से अधिक की जेल हो सकती है। इसलिए हो जाएं सावधान! सिम लेने या ओटीपी पर सावधानी बरतें। क्योंकि ओटीटी में ही व्हाट्सऐप, सिग्नल और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म भी आ रहे हैं जहां आप पहचान में फर्जीवाड़ा नहीं कर सकते।
‘इकोनॉमिक टाइम्स’ की एक खबर के अनुसार टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने अभी हाल में ड्राफ्ट टेलीकम्युनिकेशन बिल जारी किया है जिसमें सिम कार्ड और ओटीटी का प्रावधान शामिल किया गया है। ऑनलाइन फ्रॉड और गैर कानूनी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने यह कड़ा कदम उठाया है। ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं जिसमें साइबर अपराधियों ने फर्जी कागजात पर सिम कार्ड लिए और उससे घटनाओं को अंजाम दिया। ऐसे लोग ओटीटी ऐप पर भी अपनी असली पहचान छुपाते हैं ताकि अपराध करने के बाद कार्रवाई से बच जाएं।
मिलेगी फ्रॉड से बचने में मद्द
बिल में दिए गए नए नियम के मुताबिक, सभी टेलीकॉम यूजर को यह पता होना चाहिए कि उसे कौन कॉल कर रहा है। यानी किसी का फोन आता है, तो उसकी पूरी जानकारी आपको होनी चाहिए। इससे साइबर फ्रॉड से बचने में मदद मिलेगी। बिल में कहा गया है कि कोई व्यक्ति टेलीकॉम सर्विस लेता है और उसमें अपनी पहचान गलत बताता है या गलत कागजात देता है, तो इसमें 1 साल की जेल हो सकती है या 50 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। उस व्यक्ति की सर्विस भी खत्म की जा सकती है। इस अपराध को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा गया है। यानी ऐसे दोषी व्यक्ति को पुलिस बिना किसी वारंट के गिरफ्तार कर सकती है, उसे कोर्ट की अनुमति भी लेने की जरूरत नहीं होगी।
ओटीटी पर नहीं छुपा सकते पहचान
सरकार ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड की घटनाओं को लेकर बहुत गंभीर है और इसे रोकने के लिए कई नियम बनाए गए हैं। नए नियम में ओटीटी को भी शामिल किया गया है। ओटीटी के यूजर को भी केवाईसी के सभी नियमों को मानना होगा और पहचान आदि को पुष्ट करना होगा। इसमें ढिलाई बरते जाने पर कार्रवाई हो सकती है। ओटीटी में व्हाट्सऐप, सिग्नल और टेलीग्राम भी आते हैं। हाल के समय में देखा गया है कि सोशल मीडिया या व्हाट्सऐप जैसे मैसेंजर प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करते हुए अफवाह फैलाई गई है। इससे कई जगह हिंसक गतिविधियां भी देखी गईं। सरकार इसे रोकने के लिए ओटीटी के नए नियम लेकर आई है। ड्राफ्ट टेलीकॉम बिल में केवाईसी को बेहद गंभीरता से लिया गया है।