रिपोर्ट – प्रशांत शर्मा
Fake Shiv Shakti College Morena: मध्यप्रदेश में गजब के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। मुरैना के सबलगढ़ में शिव शक्ति नाम का कोई कॉलेज ही नहीं है, लेकिन जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुलगुरू समेत तमाम प्रोफेसर पिछले कई सालों से करोड़ों रुपए की बंदरबांट करते रहे। भ्रष्टाचार का खेल सामने आने के बाद EOW ने जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुलगुरू समेत 18 प्रोफेसर के खिलाफ धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। उच्च शिक्षा विभाग ने फर्जी शिव शक्ति कॉलेज को जीवाजी यूनिवर्सिटी के दिए सभी NOC सर्टिफिकेट रद्द कर दिए हैं।
करोड़ों का घोटाला
ग्वालियर का जीवाजी यूनिवर्सिटी हमेशा अपने बड़े कारनामों के लिए जाना जाता है। यहां सबसे ज्यादा फर्जी मार्कशीट और नकल कराने की कहानी सामने आती रहती है, लेकिन अब जीवाजी यूनिवर्सिटी की कुलगुरू और उनके सहयोगी प्रोफेसर ने ऐसा कारनामा कर दिया है जिससे जीवाजी यूनिवर्सिटी की साख पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुलगुरू प्रोफेसरों ने एक फर्जी कॉलेज संचालक से मिलकर करोड़ों रुपए का घोटाला कर दिया। 2012 से कागजों में चल रहा फर्जी शिव शक्ति कॉलेज के संचालन के मामले में EOW ने जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुलगुरू प्रोफेसर अविनाश तिवारी समेत 18 प्रोफेसर पर FIR दर्ज की है।
रघुराज सिंह जादौन फर्जी कॉलेज के संचालक
ग्वालियर में मुरार के रहने वाले अरुण कुमार शर्मा ने आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में साल 2022 में एक शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें लिखा था कि शिवशक्ति महाविघालय ग्राम झुंडपुरा तहसील सबलगढ़ जिला मुरैना में फर्जी कॉलेज संचालित किया जा रहा है। इसे संचालक रघुराज सिंह जादौन की ओर से चलाया जा रहा है, लेकिन मौके पर न कॉलेज है न छात्र और ना ही अध्यापक।
अरुण कुमार शर्मा को बताया था फर्जी कॉलेज के प्रिंसिपल
इतना ही नहीं शिकायतकर्ता अरुण कुमार शर्मा को कॉलेज में प्रिंसिपल भी दर्शाया गया था, जबकि अरुण जीवाजी यूनिवर्सिटी में पढ़ाया करते थे और ग्वालियर के एक निजी कॉलेज में भी अध्यापन करते थे। अरुण ने जब इसकी शिकायत विश्वविद्यालय के अलावा और भी कई सरकारी दफ्तरों और बड़े-बड़े अधिकारियों के अलावा जन प्रतिनिधियों तक पहुंचाई तो यूनिवर्सिटी ने अरुण को नौकरी से हटा दिया। एक ओर अरुण भ्रष्टाचार का खेल उजागर करने में जुटे थे तो दूसरी ओर EOW ने भी जांच शुरू कर दी थी।
रघुराज सिंह जादौन ने फर्जी डॉक्यूमेंट से ली थी मान्यता
जांच में पाया गया कि शिव शक्ति कॉलेज के संचालक रघुराज सिंह जादौन ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार करके कॉलेज की मान्यता ली थी। इसके लिए छात्रों का फर्जी एडमिशन दिखाया गया। यहां तक कि आरोपियों ने करोड़ों की स्कॉलरशिप हासिल करके शासन को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाया। जीवाजी यूनिवर्सिटी की ओर से कॉलेज के निरीक्षण के लिए हर साल गठित जांच कमेटी के सदस्यों पर भी गंभीर आरोप लगे हैं। जांच में पाया गया कि कमेटी के सदस्यों ने लाभ प्राप्त कर महाविद्यालय के फेक निरीक्षण प्रतिवेदन तैयार किए और महाविद्यालय की संबंद्धता लेने में सहयोग किया। बल्कि हकीकत में ये कॉलेज झुंडपुरा में कहीं भी नहीं है। झुंडपुरा के रहवासियों का कहना है कि शिव शक्ति नाम से कोई कॉलेज यहां नहीं है। ये सिर्फ कागजों में है।
शिक्षा माफिया रघुराज सिंह जादौन
मुरैना में शिक्षा माफिया के रूप में चर्चित रघुराज सिंह जादौन के फर्जीवाड़े का ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले रघुराज ने 2012-13 में पहाड़गढ़ में फर्जी डिग्री कॉलेज के नाम पर SC-ST स्टूडेंट्स की 42 लाख रुपए की स्कॉलरशिप हड़प ली थी। अनुसूचित जाति और जनजाति के ऐसे बच्चों के नाम पर स्कॉलरशिप ली गई जिनका एडमिशन ही नहीं था। जब उन बच्चों से बात की गई तो हकीकत सामने आई। इसके बाद इस मामले में रघुराज सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी और फ्रॉड की FIR भी दर्ज हुई थी, लेकिन कोई ठोस एक्शन नहीं लिया गया। बताया जाता है कि रघुराज सिंह जादौन मंत्री-नेताओं के साथ तस्वीरें खिंचवाने में सबसे आगे रहते हैं।
महाराणा प्रताप और शिव शक्ति कॉलेज के ऑफिस सील
सबलगढ़ में बिना बिल्डिंग बनाए सालों तक कॉलेज मान्यता रिन्यूवल कराने वाले महाराणा प्रताप कॉलेज गुलालई के सिटी ऑफिस पर गुरुवार को कलेक्टर अंकित अस्थाना के निर्देश पर एसडीएम अरविंद माहौर अपनी टीम के साथ पहुंचे। कॉलेज के ऑफिस को सील किया गया। वहीं शिव शक्ति कॉलेज पर कोई भी कर्मचारी नहीं मिला। महाराणा प्रताप और शिव शक्ति कॉलेज के संचालक रघुराज जादौन सालों से बिना बिल्डिंग के फर्जीवाड़ा कर रहे थे।
इनके खिलाफ FIR
फर्जी कॉलेज संचालन के मामले में जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर अविनाश तिवारी सहित डॉ. एपीएस चौहान, डॉ. एके हल्वे, डॉ. एसके गुप्ता, डॉ. एसके सिंह, डॉ. सीपी शिन्दे, डॉ. आरए शर्मा, डॉ. केएस ठाकुर (राजस्थान के बासवाड़ा के कुलगुरु), ज्योति प्रसाद, डॉ. नवनीत गरुड़, डॉ. सपन पटेल, डॉ. एसके द्विवेदी, डॉ. हेमन्त शर्मा, डॉ. राधा तोमर, डॉ. आरपी पाण्डेय, डॉ. एमके गुप्ता, डॉ. निमिषा जादौन, डॉ. सुरेश सचदेवा और डॉ. मीना श्रीवास्तव के खिलाफ FIR हुई है।
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सिर्फ एक नहीं ऐसे कई कॉलेज !
ग्वालियर चंबल अंचल में ये अकेला फर्जी शिव शक्ति कॉलेज नहीं है। अगर जीवाजी यूनिवर्सिटी अगर ईमानदारी से जांच करे तो ऐसे कई कॉलेज सामने आ सकते हैं जिनकी ना तो बिल्डिंग है और ना ही स्टूडेंट्स। ये कॉलेज सिर्फ कागजों पर चल रहे हैं।
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