Facts: अक्सर सनातन घर्म के लोग भोजन करने से पहले थाली के चारों ओर जल छिड़कने का काम करते है। अगर आपने नहीं किया हो तो आपने घर में बड़े-बुजुर्गों को देखा होगा कि वो भोजन से पहले थाली के चारों ओर जल छिड़कते है। आज की पीढ़ी ये समझ लेती है कि ये सारी चीजें अंधविश्वास है और कुछ नहीं। ऐसा नहीं है। थाली के चारों ओर जल छिड़कने के पीछे कुछ आध्यात्मिक तो कुछ वैज्ञानिक कारण भी है। आइए जानते है।
थाली से कीड़े-मकोड़े रहते है दूर
बता दें कि जब हम खाने बैठते है, हालांकि आज के दौर में सभी टेबल पर बैठ कर खाते है, लेकिन पहले के लोग जमीन पर ही बैठ कर भोजन करते थे। इस वजह से भोजन की खुशबू सूंघ आसपास के कीड़े-मकोड़े आ जाते थे। ऐसे में थाली के चारों ओर जल छिड़क देने से एक तो वो थाली में नहीं आ पाते थे। तो वहीं दूसरी ओर आसपास की मिट्टी भी बैठ जाती थी जिससे खाने के समय थाली में धूल आनें का खतरा कम हो जाता था।
अन्न देवता को देते है सम्मान
बता दें कि थाली के चारों ओर जल छिड़कने के पीछे सनातन धर्म के शास्त्रों में अंकित वो बातें भी है जो प्रमाणित करती है कि भोजन करने से पहले थाली के चारों ओर जल छिड़कने के साथ मंत्रों का उच्चारण करने से अन्न देवता प्रसन्न होंते है। जिस वजह से घर में कभी भी अनाज की कमी नहीं होती।