Fact Check News: अफगानिस्तान में हो रही महिलाओं की नीलामी, 25 डॉलर लग रही कीमत! जानें क्या है इस दावे का सच?

Fact Check News: अफगानिस्तान में हो रही महिलाओं की नीलामी, 25 डॉलर लग रही कीमत! जानें क्या है इस दावे का सच?

काबुल। वर्तमान में अफगानिस्तान में तालिबानियों (Taliban Captured Afganistan) के कब्जे के बाद पूरी दुनिया में यहीं की चर्चा चल रही है। अफगानिस्तान में तालिबानियों के कब्जे के बाद सबसे ज्यादा खतरा मंडरा रहा है वहां की महिलाओं पर। यहां महिलाओं से जुड़े कई मुद्दे और तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों के बारे में दावा किया जा रहा है कि अफगानिस्तान की गलियों में महिलाओं की बोली लगाई (women being auctioned on the streets of Afghanistan) जा रही है। बीते दिनों से इस तरह की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। इसमें कहा जा रहा है कि अफगानिस्तान की सड़कों पर महिलाओं की नीलामी की जा रही है। यहां महिलाओं की कीमत मात्र 25 डॉलर (1855 रुपए) लगाई जा रही है।

यह है दावे की सच्चाई…
सोशल मीडिया पर तस्वीरों के वायरल होने के साथ यह दावा बिल्कुल गलत है। सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले पहले फोटो के बारे में दावा किया जा रहा है कि महिलाओं की बोली लगाई जा रही है। लेकिन दरअसल यह तस्वीर साल 2015 की अफगानिस्तान महिलाओं द्वारा विरोध प्रदर्शन की है। दरअसल साल 2015 में 27 वर्षीय महिला फरखुंदा मलिकाजादा पर कथित आरोप (funeral of Farkhunda Malikzada) लगे थे कि उसने कुरान को जलाया (burning the Quran) है। इसके बाद उसे भीड़ ने घेरकर मार दिया था। हालांकि जांच में बाद में जानकारी मिली थी कि महिला ने कुरान का अपमान नहीं किया था। तब जाकर पूरी दुनिया के एक्टिविस्ट समेत अन्य लोगों ने इसको लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। इस तस्वीर में एक ह्यूमन राइट्स का एक्टिविस्ट ग्रुप महिला को दफनाने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। यह तस्वीर इसी प्रदर्शन की है।

बच्चाबाजी की भी तस्वीर पुरानी…
इस पोस्ट के साथ वायरल हो रही दूसरी तस्वीर में एक बच्चा महिलाओं (child prostitution in Afghanistan) के कपड़े पहने हुए बैठा है। दरअसल अफगानिस्तान का यह सैकड़ों साल पुराना ट्रेडिशन रहा है। यहां के अमीर और ताकतवर लोग बच्चों को महिलाओं के कपड़े पहनाकर उन्हें डांस कराते थे। साथ ही उनका शारीरिक शोषण भी करते थे। अफगानिस्तान (Afghanistan) में आज भी कई लोग इस ट्रेडिशन को मानते हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस तस्वीर भी साल 2012 की है। दरअसल यह तस्वीर स्वीडन के न्यूजपेपर एक्सप्रेशन के फोटो जर्नलिस्ट मार्टिन वॉन क्रॉघ की है। उन्होंने इस तस्वीर को बच्चा बाजी के कैप्शन के साथ छापा था।

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