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Explainer: पीथमपुर में अभी नहीं चलेगा यूनियन कार्बाइड का कचरा, जानिए जहरीले कचरे से जुड़े सारे सवालों के जवाब यहां

Pithampur Kachra News, सरकार ने संयंत्र के 100 मीटर दायरेमें अगले आदेश तक निषेधाज्ञा लागू किया है। पीथमपुर से गुजरने वाले महू-नीमच राजमार्ग पर रास्ता जाम कर दिया, जिससे आठ किमी तक लंबा जाम लग गया।

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Kushagra valuskar
Explainer: पीथमपुर में अभी नहीं चलेगा यूनियन कार्बाइड का कचरा, जानिए जहरीले कचरे से जुड़े सारे सवालों के जवाब यहां

Pithampur Kachra News: भोपाल के यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री का 337 टन कचरा पीथमपुर स्थित संयंत्र में जलाने को लेकर शुक्रवार को विरोध हुआ। जनहानि की आशंका व्यक्त कर रहे लोग सड़कों पर उतर आए और टायर जलाकर आगजनी की कोशिश की। वहीं, पथराव के साथ कांच की बोतलें फोड़ीं।

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मुख्य सचिव अनुराग जैन ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि 2004 में कोर्ट केस डिस्पोजल के लिए हुआ था। आगे की कार्रवाई के लिए हाईकोर्ट से समय मांगा है। लोगों को विश्वास में लेने के बाद ही कचरा जलाया जाएगा।

आत्मदाह का किया प्रयास

इस बीच शुक्रवार को दो प्रदर्शनकारी राजकुमार रघुवंशी और राज पटेल ने पेट्रोल छिड़कर आत्मदाह की कोशिश की। दोनों ही झुलस गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इधर, गुस्साई भीड़ ने देर शाम तक महू-नीमच राजमार्ग और आगरा-मुंबई राष्ट्रीय मार्ग जाम किया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

सरकार ने संयंत्र के 100 मीटर दायरेमें अगले आदेश तक निषेधाज्ञा लागू किया है। पीथमपुर से गुजरने वाले महू-नीमच राजमार्ग पर रास्ता जाम कर दिया, जिससे आठ किमी तक लंबा जाम लग गया। धार कलेक्टर प्रियंक मिश्र और पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया।

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कचरा तुरंत नहीं जलाने का फैसला नहीं

वहीं, विरोध प्रदर्शन के बीच मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार देर रात बैठक की। बैठक में डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, राजेंद्र शुक्ल, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, धार विधायक नीना वर्मा और मुख्य सचिव अनुराग जैन सहित उच्च अधिकारी मौजूद रहे।

सीएम मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि अभी कचरा डंप किया गया है। इसे जलाने का कोई फैसला नहीं लिया गया है। विभिन्न संस्थाओं और सुप्रीम कोर्ट ने कचरे के निष्पादन के लिए पीथमपुर फैक्टरी को योग्य बताया है। सीएम मोहन यादव ने कहा, 'वैज्ञानिकों की निगरानी में प्रक्रिया होगी। कोई भी गलत कदम नहीं उठाएं।'

यूनियन कार्बाइड जहरीले से जुड़े सभी सवालों का जवाब जानिए

प्रश्न- कचरे के निष्पादन से जलस्त्रोंतों का प्रदूषित होगा?

उत्तर- नीरी ने जनवरी 2023 में जलस्त्रोतों की रिपोर्ट प्राप्त की। जिसमें प्री-मानसून और पोस्ट-मानसून में जनस्त्रोतों का 11 बिंदुओं पर परीक्षण सभी पैरामीटर सामान्य रहे।

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मुख्य तत्व की जानकारी प्रीन-मानसून पारा 0.0004 पीपीएम (मानक स्तर 0.001 पीपीएम)

पोस्ट मानसून पारा 0.0002 पीपीएम (मानक स्तर 0.001 पीपीएम)

प्रश्न- कचरा निष्पादन के दौरान वायु गुणवत्ता की रिपोर्ट?

उत्तर- सभी रिपोर्ट को सोशल मीडिया, डिस्प्ले और वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा।

प्रश्न- कचरा निष्पादन की प्रक्रिया ठंडके मौसम में क्यों?

उत्तर- कचरा निष्पादन की प्रक्रिया मौसम में मानकों के आधार पर होता है। अगर किसी मौसम में मानकों में अधिक तत्व पाया जाता है तो प्रोसेस में बदलाव किया जाएगा।

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प्रश्न- 2013 और 2015 के बाद स्वास्थ्य संबंधी अध्ययन किए गए?

उत्तर- समस्त रिपोर्ट के पैरामीटर मानक सीमा के अंदर थे। इसकी पृथक आवश्यकता नहीं थी। हाल ही में मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य संबंधी रिपोर्ट प्राप्त की। 12 ग्रामों में स्वास्थ्य परीक्षण में स्थिति सामान्य पाई गई।

प्रश्न- अगरा कचरा निष्पादन के दौरान कोई हादसा हुई तो क्या रेस्पोस होगा?

उत्तर- कचरे का निष्पादन कोई एक दिन की प्रक्रिया नहीं है। इससे निकलने वाली गैसों का मापन किया जाएगा। कोई डेविएशन होने की स्थिति में जनता का हित सर्वोपरि है।

प्रश्न- दुर्घटना होने पर पीथमपुर में मेडिकल सेवाओं का अभाव?

उत्तर- केंद्र सरकार के श्रम मंत्रालय द्वारा ईएसआईसी योजना के अधीन मेडिकल स्वीकृत है, जिसका भूमिपूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है।

प्रश्न- कचरे का निष्पादन पीथमपुर में क्यों किया जा रहा है?

उत्तर-  सुप्रीम कोर्ट के एसएलपी 9874/2012 के आदेश 4 मार्च 2013 और 17 अप्रैल 2014 में ट्रायल रन के निर्देश दिए गए और सफल ट्रायल किया गया। राज्य में हरजारदौस वेस्ट डिस्पोजल फैसिलिटी पीथमपुर में उपलब्ध है। इसलिए दूसरी जगह कचरे का निष्पादन नहीं किया जा सकता है।

क्या है यूका का जहरीला कचरा?

केंद्र सरकार के साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिचर्स काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, यूनियन कार्बाइड के पास जो जहरीला कचरा इकट्ठा हुआ था। उसमें 1.1 मीट्रिक टन केमिकल से प्रभावित, एक टन मरकरी, 1500 मीट्रिक टन यूनियन कार्बाइड प्लांट का खराब हुआ मटेरियल व 150 मीट्रिक टन भूमिगत रसायनिक कचरा है।

इनमें से 337 मीट्रिक टन कचरा पीथमपुर में नष्ट करने के लिए ले जाया गया है।

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