Exit Poll Maharashtra Jharkhand: महाराष्ट्र की 288 और झारखंड की 38 विधानसभा सीटों पर बुधवार को मतदान खत्म हो गया। झारखंड में पहले चरण में 13 नवंबर को 42 सीटों पर वोटिंग हुई थी। राज्य में कुल 81 सीटें हैं। दोनों राज्यों के परिणाम 23 नवंबर को घोषित होंगे।
महाराष्ट्र में 7 एग्जिट पोल सामने आए हैं। इनमें से 6 में भाजपा गठबंधन महायुति की सरकार बनने की संभावना जताई गई है, जबकि एक में कांग्रेस गठबंधन महाविकास अघाड़ी की सरकार का अनुमान है। झारखंड के लिए अब तक 4 एग्जिट पोल आए हैं, जिनमें से तीन में भाजपा गठबंधन को बहुमत मिलने की उम्मीद है।
महाराष्ट्र एग्जिट पोल्स
सर्वे एजेंसी | महायुति | महाविकास अघाड़ी | अन्य |
न्यूज-18 मैट्रिज | 125-140 | 135-150 | 20-25 |
P-MARQ | 137-157 | 126-146 | 2-8 |
चाणक्य स्ट्रैटजीज | 152-160 | 130-138 | 6-8 |
पीपुल्स पल्स | 175-195 | 85-112 | 7-12 |
इलेक्टोरल एज | 118 | 150 | 20 |
पोल डायरी | 122-186 | 69-121 | 12-29 |
रिपब्लिक | 137-157 | 126-146 | 2-8 |
लोकशाही मराठी रुद्र | 128-142 | 125-140 | 18-23 |
SAS ग्रुप | 127-135 | 147-155 | 10-13 |
महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 145 सीटों की जरूरत होगी।
झारखंड एग्जिट पोल्स
सर्वे एजेंसी | NDA | INDIA | अन्य |
न्यूज-18 मैट्रिज | 42-47 | 25-30 | 1-4 |
P-MARQ | 31-40 | 37-47 | 0 |
चाणक्य स्ट्रैटजीज | 45-50 | 35-38 | 3-5 |
पीपुल्स पल्स | 44-53 | 25-37 | 5-9 |
टाइम्स नाउ JVC | 40-44 | 30-40 | 1 |
एक्सिस माय इंडिया | 25 | 53 | 3 |
झारखंड में 81 विधानसभा सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 41 सीटों की जरूरत होगी।
2019 और 2014 चुनाव का हाल
महाराष्ट्र में 2019 में बीजेपी-शिवसेना (अविभाजित) गठबंधन को बहुमत मिला था। 2014 के मुकाबले गठबंधन की सीटें और वोट शेयर दोनों में गिरावट हुई थी। गठबंधन को 161 सीटें मिली थीं और वोट शेयर 42 प्रतिशत था। 2014 में इसी गठबंधन ने 185 सीटें जीती थीं, जिसमें बीजेपी की 122 और शिवसेना को 63 सीटें थीं। वोट शेयर 47.6 प्रतिशत रहा था।
महाराष्ट्र में ऐसे बदले समीकरण
2019
नतीजों के बाद पाला बदलकर उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने। शिवसेना और बीजेपी 1984 में करीब आईं। 2014 में इस गठबंधन में थोड़ी दरार आई। लेकिन 2019 विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद दोनों में मतभेद बढ़ गए। 28 नवंबर 2019 को उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उद्धव सरकार ने कई उतार-चढ़ावों का सामना करते हुए ढाई साल पूरे किए।
2022
एकनाथ शिंदे की बगावत और शिवसेना का विभाजन 2019 में उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को नगर विकास मंत्री और विधायक दल का नेता बनाया था। मई 2022 में शिंदे ने 39 विधायकों के साथ बगावत की। इस राजनीतिक नाटक के बाद उद्धव ने इस्तीफा दिया। 24 घंटे के भीतर शिंदे ने मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
2023
अजित पवार ने बगावत की, जिससे NCP टूट गई। 10 जून 2023 को NCP के 25वें स्थापना दिवस पर शरद पवार ने पार्टी के दो कार्यकारी अध्यक्ष, प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले, के नाम की घोषणा की। जब उन्हें NCP में साइडलाइन होने के संकेत मिले, तो 2 जुलाई 2023 को अजित पवार ने 41 विधायकों के साथ महायुति में शामिल होकर शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम का पद ग्रहण कर लिया।
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झारखंड के सियासी समीकरण
झारखंड में 2019 में जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी ने मिलकर 47 सीटें जीतीं और सरकार बनाई। 31 जनवरी को हेमंत को जमीन घोटाले में गिरफ्तार किया गया। 2 फरवरी को JMM के चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया। गठबंधन की सरकार को बचाने के लिए JMM और कांग्रेस के 37 विधायकों को हैदराबाद भेजा गया। हेमंत को 5 महीने जेल में रहने के बाद जमानत मिली। 3 जुलाई को चंपाई ने इस्तीफा दिया। 4 जुलाई को हेमंत ने तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। 28 मई को चंपाई ने हेमंत सरकार पर जासूसी का आरोप लगाते हुए JMM से इस्तीफा दिया। 30 मई को चंपाई बीजेपी में शामिल हो गए।
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