हाइलाइट्स
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कोचिंग सेंटर शिक्षा नीति का नहीं कर रहे पालन
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खुलेआम दिया जा रहा डमी स्कूल का आफर
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बंसल न्यूज डिजिटल के खुफिया कैमरे में कैद हुआ सच
MP Coaching Center Sting: भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने बच्चों पर बढ़ते पढ़ाई के दबाव और उसके कारण हो रही आत्महत्याओं की घटनाओं की रोकथाम के लिये कोचिंग संस्थानों के लिये नई गाइडलाइन जारी की, लेकिन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ही खुलेआम कोचिंग संस्थाएं इन नियमों की धज्जियां उड़ा रही हैं।
सच का पता लगाने बंसल न्यूज डिजिटल की टीम भोपाल के कुछ कोचिंग संस्थाओं में गई और वहां बंसल न्यूज के खुफिया कैमरे (MP Coaching Center Sting) जो हकीकत कैद हुई, वह चौंकाने वाली है।
खुलेआम दिये जा रहे डमी स्कूल के आफर!
जेईई और नीट की तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थानों को एडमिशन की ऐसी भूख है कि वह इसके लिये सभी प्रकार के हथकंडे अपनाने को भी तैयार है। कोचिंग सेंटर खुलेआम डमी स्कूल का आफर तक कर रहे हैं।
डमी यानी ऐसे स्कूल जहां नियमित रूप से क्लास जाने की जरूरत नहीं है, लेकिन अटेंडेंस नियमित रूप से लगती रहेगी। कोचिंग संस्थान खुलेआम इस बात को स्वीकारते हैं कि हमारी स्कूलों में सेटिंग है।
आप निश्चिंत होकर कोचिंग में एडमिशन ले। नीट और जेईई की कोचिंग कराने वाले ऐलेन सेंटर ने तो बंसल न्यूज डिजिटल के खुफिया कैमरे (MP Coaching Center Sting) के सामने भोपाल के कुछ डमी स्कूलों के नाम तक बता दिए।
कोचिंग संस्थानों के लिये गाइडलाइन और हकीकत
नियम-एक : 16 साल से कम उम्र के बच्चे का नामांकन नहीं किया जाएगा।
क्यों पड़ी जरूरत : कम उम्र में बच्चों को अंधी प्रतिस्पर्धा से बचाया जा सके। ताकि प्रेशर में आकर वो कोई गलत कदम न उठाए।
हकीकत : फिटजी कोचिंग सेंटर में एडमिशन के लिये पहले प्रवेश परीक्षा देनी होती है। इस साल यह 4 फरवरी को आयोजित हुई।
रिसेप्शन पर मौजूद महिला काउंसलर (MP Coaching Center Sting) ने स्पष्ट कहा कि कोचिंग के लिये किसी तरह की कोई उम्र का बंधन नहीं है। प्रवेश परीक्षा दीजिए। स्कोर के हिसाब से स्कालरशिप मिलेगी, फिर उस हिसाब से एडमिशन हो जाएगा।
नियम-दो : स्कूल टाइमिंग में कोई कोचिंग नहीं होगी, ताकि बच्चे की नियमित कक्षा पर इसका असर न हो।
क्यों पड़ी जरूरत : डमी स्कूल से बचा जा सके। नियमित कक्षा पर प्रभाव न पड़े, क्योंकि यह शिक्षा की बुनियाद होती है।
हकीकत : बंसल न्यूज डिजिटल की टीम (MP Coaching Center Sting) ने जब जेईई की कोचिंग के लिये फीजिक्स वाला संस्थान में बात की तो वहां बताया गया कि कोचिंग का टाइमिंग तो स्कूल के समय ही रहेगी।
वे डमी स्कूल में एडमिशन करा देंगे। जहां स्कूल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सीधे परीक्षा देने के लिये जाना होगा।
नियम-तीन : साप्ताहिक अवकाश के अगले दिन कोई मूल्यांकन नहीं होगा।
क्यों पड़ी जरूरत : बच्चे को पढ़ाई के साथ-साथ मानसिक रूप से आराम भी मिल सके।
हकीकत : मेडिकल कोर्स में प्रवेश के लिये जरूरी नीट एग्जाम की तैयारी के लिये बंसल न्यूज डिजिटल की टीम (MP Coaching Center Sting) रेजोनेंस कोचिंग सेंटर पहुंची।
यहां साप्ताहिक अवकाश के अगले दिन की बात तो छोड़िए हर रविवार को ही टेस्ट हो रहे हैं। रेजोनेंस कोचिंग सेंटर को भी 16 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रवेश देने में कोई दिक्कत नहीं है।
लग सकता है एक लाख तक का जुर्माना
गाइडलाइन के अनुसार पहली बार नियम तोड़ने पर 25 हजार रुपये का जुर्माना, दूसरी बार नियम तोड़ने पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
इसके बाद भी अगर कोचिंग सेंटर अपनी मनमानी करते हैं तो रजिट्रेशन भी रद्द किया जा सकता है। इसके साथ ही अगर कोई छात्र बीच में पढ़ाई छोड़ता है, तो कोचिंग सेंटर को उसकी फीस वापस करनी होगी।
कोचिंग पर लगाम लगाने कोई नियम नहीं!
बंसल न्यूज से स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप सिंह ने कहा कि गाइडलाइन अभी शुरुआती मोड पर है। सभी चीजों पर हमारी नजर है। प्रदेश में डमी स्कूल चलाने की किसी को कोई अनुमति नहीं है।
बंसल न्यूज डिजिटल (MP Coaching Center Sting) से भोपाल के जिला शिक्षा अधिकारी अंजनी त्रिपाठी ने कहा कि ऐसे कोचिंग संस्थानों पर लगाम लगाने हमारे पास अधिकार नहीं है। जो संस्थान हमसे मान्यता लेता है, हम बस उस पर कार्रवाई कर सकते हैं।
देखा जाए तो नियम में इसी कमी का फायदा कोचिंग संस्थान उठाते हैं। डीईओ त्रिपाठी का कहना है कि यदि किसी स्कूल की इस तरह से शिकायत आती है तो वह जरूर एक्शन लेंगे।
इन हादसों से सबक लेने की जरूरत
इस साल कोटा में अब तक तीन से अधिक आत्महत्या हो चुकी हैं। इनमें दो छात्र उत्तर प्रदेश और एक छात्रा राजस्थान के झालावाड़ का ही रहने वाली थी। 23 जनवरी को 19 वर्षीय मोहम्मद जैद को कोटा में अपने छात्रावास के कमरे में लटका हुआ पाया गया था।
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) February 9, 2024
2 फरवरी को 27 वर्षीय छात्र नूर मोहम्मद ने सुसाइड कर लिया। इससे पहले 29 जनवरी को जेईई की तैयारी कर रही 18 वर्षीय निहारिका सिंह ने अपने घर पर फांसी लगा ली।
छात्रा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, ”मम्मी-पापा मैं जेईई नहीं कर सकती, इसलिए आत्महत्या कर रही हूं। मैं सबसे खराब बेटी हूं, सॉरी मम्मी-पापा.” बता दें कि पिछले साल अकेले कोटा में 26 छात्रों ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।
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बंसल न्यूज डिजिटल की अपील
स्टूडेंट का तनाव कम करने सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। नए नियम बनाए जा रहे हैं।
बंसल न्यूज डिजिटल (MP Coaching Center Sting) की पेरेंट्स से अपील है कि वे अपने बच्चों पर पढ़ाई को लेकर अतिरिक्त दबाव न डाले।
साथ ही ध्यान रखें अगर आपके या आपके किसी परिचित में मन में आता है खुदकुशी का ख्याल तो ये बेहद गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है।
तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें। आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं।
यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे।