Exam Tips: मुख्यतः यह देखा जाता है की आठवीं – नौवीं से ही बच्चे अपने करियर को लेकर चिंतित हो जाते हैं। उसी उम्र में वो इंजीनियर और डॉक्टर बनने के सोने देखने लगते हैं। ये अच्छी बात है लेकिन उन्हें उस वक्त जरूरत होती है एक सही और अच्छे मार्गदर्शक की।
उचित समय पर यदि बच्चे को सही मार्गदर्शन मिलेगा तो छात्र परीक्षा में अवश्य सफल होगा सही मार्गदर्शन न मिलने पर होनहार बच्चे भी सफलता में चूक जाते हैं। यदि उन्हें उचित रूप से अनुभवी व्यक्तियों द्वारा मारदर्शन मिले तो जरूर ही अर्जुन की भांति लक्ष्य भेदने में सफल होंगे।
प्रवेश परीक्षा की तैयारी
आईआईटी के प्रवेश परीक्षाओं की बात करें तो इसके लिए उच्चतम कोटि के तैयारी की जरूरत होती है। छात्र यदि पढ़ाई लिखाई में अच्छा है और सही समय प्रबंधन कर ले रहा है तो नौवीं कक्षा से ही उसे तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
इससे ये होगा की समय रहते वो परीक्षा के प्रारूप और अन्य विषयों को समझ पाएगा। क्योंकि बारहवीं में छात्र को आईआईटी की परीक्षा के साथ साथ बारहवीं की बोर्ड परीक्षा भी देनी होती है। समय पर पाठ्यक्रम को पूरा कर लेने से परीक्षा में आसानी मिलेगी और पूर्णवृति के लिए भी समय मिलेगा।
एनसीईआरटी और आरएस अग्रवाल पर दें ध्यान
तैयारी करने के लिए जब छात्र नौवीं कक्षा में हो तभी मेहनत करके नौवीं और दसवीं दोनो कक्षाओं के गणित की किताब एनसीईआरटी और आरएस अग्रवाल को उदाहरण सहित खत्म कर देनी चाहिए।
दसवीं कक्षा में जब छात्र को तो उसे सेट, रिलेशन – फंक्शन, लोग्रिथम, लिमिट एकम डेरिवेटिव जैसे चैप्टर को खत्म कर के दसवीं से पहले कैलकुलस पर पकड़ बना लेनी चहिए। इससे फायदा ये होगा की जब आप 11 में भौतिकी पढ़ेंगे तो आपको भौतिकी पढ़ने में आनंद आएगा तो प्रमेय और परिकल्पनाओं को बेहतर समझ पाएंगे।
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