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ITI Training Officer Exam: मध्य प्रदेश में भर्ती परीक्षा के लिए बनाए गए केंद्र फिर विवादों में है। दिल्ली से लाहौर की दूरी 410 किमी है और इधर कर्मचारी चयन मंडल यानी ESB ने भर्ती के लिये आयोजित होने वाली परीक्षा के लिए उम्मीदवार को 900 किमी दूर तक के केंद्र दिये हैं। इतनी दूरी में तो पाकिस्तान घूमकर कोई वापस आ जाएगा।
450 पदों पर होनी है भर्ती
तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के अंतर्गत आईटीआई ट्रेनिंग ऑफिसर (ITI Training Officer) के 450 पदों पर भर्ती होना है।
इस भर्ती में EWS वर्ग के 40 पद, OBC के लिए 119, SC के लिए 71 और ST वर्ग के लिए 89 पद आरक्षित रखे गए हैं। शेष 131 पद अनारक्षित श्रेणी के हैं।
10 अक्टूबर तक होनी है परीक्षा
तकनीकी शिक्षा विभाग के तहत आईटीआई ट्रेनिंग ऑफिसर की भर्ती परीक्षा का आयोजन 30 सितंबर से 10 अक्टूबर तक किया जाएगा। परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र भी जारी हो चुके हैं।
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उम्मीदवारों ने जब प्रवेश पत्र डाउनलोड किए तब उन्हें पता चला कि परीक्षा केंद्र सैंकड़ों किमी दूर दिये गए हैं।
जो विकल्प दिये उससे अलग दिया केंद्र
फार्म भरते समय उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्र के लिए अपने शहर से नजदीक 4 शहरों का विकल्प देना होता है ताकि उनमें से किसी एक शहर में उन्हें परीक्षा केंद्र दिया जा सके।
जाहिर सी बात है इसमें कोई भी उम्मीदवार 900 किमी दूर के शहर का चयन नहीं करेगा। उम्मीदवारों ने बताया कि फार्म भरते समय उन्होंने जिन शहरों के विकल्प दिये थे उनसे अलग हटकर उन्हें किसी और इस शहर में परीक्षा केंद्र दे दिया है।
खरगोन के कैंडिडेट को सीधी में दिया केंद्र
खरगोन निवासी लक्ष्मण मंडलोई को सीधी में परीक्षा केंद्र दिया है। खरगोन से सीधी की दूरी 880 किमी से अधिक है। लक्ष्मण मंडलोई ने फार्म भरते समय शहर के विकल्प में इंदौर, भोपाल, उज्जैन और रतलाम दिया था।
धार के उम्मीदवार अमित चौहान को रीवा सेंटर दिया है। इन्होंने भी सेंटर इंदौर, भोपाल, उज्जैन और रतलाम में चाहा था। धार की रीवा से दूरी 800 किमी है।
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यात्रा भत्ता भी नहीं मिलने से दिक्कत
भर्ती परीक्षा देने के लिए जा रहे एससी, एसटी, ओबीसी और दिव्यांग उम्मीदवारों को यात्रा भत्ता देने का भी प्रावधान है, लेकिन ये यात्रा भत्ता भी किसी को नहीं दिया जाता।
अपने गांव, कस्बे या शहर से परीक्षा केंद्र सैंकड़ों किमी दूर होने से आना जाना ही काफी महंगा पड़ता है।
इसलिए हो रही दिक्कत
ईएसबी के एक अधिकारी ने बताया कि भर्ती परीक्षाओं में लाखों उम्मीदवार बैठते हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट आसानी से उपलब्ध हो इसके लिए उम्मीदवार बड़े शहरों का ही विकल्प चुनते हैं।
हर शहर में परीक्षा के लिए उम्मीदवारों को बैठने की एक कैपेसिटी होती है। इससे ज्यादा होने पर उन्हें दूसरे अन्य शहरों में केंद्र एलॉट किये जाते हैं।
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