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Dearness Allowance News: MP में नहीं बढ़ रहा महंगाई भत्ता (DA), कर्मचारी संगठनों की सरकार को घेरने की बड़ी तैयारी

Dearness Allowance News: MP में नहीं बढ़ रहा DA, चुनाव आचार संहिता से पहले सरकार को घेरने कर्मचारी संगठनों का प्‍लान

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Sanjeet Kumar
Dearness Allowance News: MP में नहीं बढ़ रहा महंगाई भत्ता (DA), कर्मचारी संगठनों की सरकार को घेरने की बड़ी तैयारी

   हाइलाइट्स

  • 7.50 लाख कर्मचारियों को 42 प्रतिशत मिल रहा DA
  • संगठन 8 % डीए की मांग को लेकर बना रहे रणनीति
  • कर्मचारियों को 1200 से 16000 रुपए का हर माह नुकसान
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भोपाल। Dearness Allowance News: केंद्र सरकार ने 7 मार्च 2024 महंगाई भत्‍ता 4 प्रतिशत बढ़ा दिया है। यह भत्‍ता जनवरी 2024 का है। इसको मिलाकर केंद्रीय कर्मचारियों का अब कुल महंगाई भत्‍ता 50 प्रतिशत कर दिया है।

इधर पिछले 9 महीने से महंगाई भत्‍ते (Dearness Allowance News) का इतंजार कर रहे मध्‍य प्रदेश के कर्मचारी केंद्र से 8 प्रतिशत कम डीए ले रहे हैं। एमपी के कर्मचारियों को इस समय 42 प्रतिशत महंगाई भत्‍ता मिल रहा है।

केंद्र सरकार के कर्मचारी और मध्‍य प्रदेश सरकार के कर्मचारियों के बीच डीए का 8 प्रतिशत का अंतर अब कर्मचारियों को भेदभाव जैसा लग रहा है।

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ये भी जब तब कर्मचारी पूर्व में कई बार एमपी सरकार को पत्र और आंदोलन के माध्‍यम से डीए दिए जाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन एमप के कर्मचारियों को सिर्फ आश्‍वासन ही मिला है।

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   दो महंगाई भत्‍ते का इंतजार

मप्र के कर्मचारियों को दो बार का महंगाई भत्‍ता (Dearness Allowance News) नहीं मिला है। इसमें जुलाई 2023 का 4 प्रतिशत और जनवरी 2024 का 4 प्रतिशत। दोनों भत्‍तों को मिलाकर कुल 8 प्रतिशत महंगाई भत्‍ता एमपी के कर्मचारियों का रुका हुआ है।

एमपी में सभी वर्ग के लगभग 7 लाख 50 हजार कर्मचारी हैं। जिनका यह महंगाई भत्‍ता रुका हुआ है और केंद्र से अब ये कर्मचारी महंगाई भत्‍ता प्राप्‍त करने में 8 प्रतिशत पीछे रह गए हैं।

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क्‍योंकि एमपी में रहने वाले केंद्रीय कर्मचारी को 50 प्रतिशत और एमपी के कर्मचारी को महंगाई भत्‍ता 42 प्रतिशत दिया जा रहा है।

   संगठनों की मांग- आचार संहिता से पहले डीए, डीआर प्रदान करें सरकार

प्रदेश के संगठनों की मांग है कि लोकसभा चुनाव 2024 की तारीख की कभी भी घोषणा हो सकती है। ऐसे में संगठनों ने मांग की है कि लोकसभा चुनाव आदर्श आचार संहिता लगने से पहले सभी कर्मचारियों को महंगाई भत्‍ता (Dearness Allowance News) और महंगाई राहत दी जाए।

केंद्र के द्वारा डीए जारी करने के बाद एमपी के कर्मचारी संगठनों में आक्रोश व्‍याप्‍त है।

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   एमपी के कर्मचारी हो गए पीछे

तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने बताया कि जहां प्रदेश सरकार द्वारा जुलाई 2023 से 4% महंगाई भत्ता (Dearness Allowance News) एवं महंगाई राहत प्रदेश के 7:50 लाख कार्यरत एवं 4:50 लाख सेवानिवृत्ति कर्मचारियों को अभी तक प्रदान नहीं की है।

वहीं केंद्र द्वारा 4% महंगाई भत्ता /राहत की घोषणा कर देने से 8% महंगाई भत्ता और महंगाई राहत से प्रदेश के कर्मचारी पीछे हो गए हैं।

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   कर्मचारी संगठनों की ये मांग

प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी का कहना है कि विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने केंद्रीय तिथि से महंगाई भत्ता (Dearness Allowance News) और राहत दी थी।

किंतु जुलाई 2023 से मिलने वाला 4% महंगाई भत्ता 9 महीने से नहीं मिलने से कर्मचारियों को भारी आर्थिक नुकसान पहुंच रहा है। केंद्र और राज्य के कर्मचारियों के लिए महंगाई बराबर है तो महंगाई भत्ता क्यों नहीं बराबर मिलना चाहिए।

संगठन की मांग है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव लोकसभा चुनाव आचार संहिता लगने से पहले जुलाई 2023 से 4% एवं जनवरी 2024 से 4% महंगाई भत्ता/ राहत देने के आदेश शीघ्र प्रदान करें।

   कर्मचारियों को नुकसान

तृतीय कर्मचारी संघ का कहना है कि सरकार द्वारा जुलाई 2023 से 4 प्रतिशत महंगाई भत्‍ता (Dearness Allowance News) और राहत न देने से 1200 करोड़ रुपए का नुकसान कर्मचारियों को हो रहा है।

बता दें कि एमपी में करीब 7 लाख 50 हजार कर्मचारी हैं। जबकि 4 लाख 50 हजार पेंशनर्स कर्मचारी भी हैं। पेंशनर्स को भी डीआर यानी महंगाई राहत दी जाती है।

बता दें कि औसतन एक कर्मचारी-अधिकारी को हर महीने 1200 रुपए से 16 हजार रुपए तक नुकसान हो रहा है।

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   बड़ी रणनीति बना रहे कर्मचारी

एमपी में अब मप्र के सभी श्रेणी के कर्मचारी संगठनों ने संयुक्‍त रूप से आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है। यह आंदोलन लोकसभा चुनाव 2024 की आदर्श आचार संहिता लगने से पहले किया जाएगा।

इसको लेकर संगठन रणनीति बना रहे हैं। इसके बाद बड़े रूप में आंदोलन किया जाएगा। हालांकि इसकी तारीख अभी संगठनों ने तय नहीं की है।

आंदोलन की तैयारी को लेकर भारतीय मजदूर संघ, मप्र शिक्षक संघ, मप्र राज्य कर्मचारी संघ, तृतीय कर्मचारी संघ, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ समेत अन्‍य संगठन रणनीति बना रहे हैं।

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