करंट लगने से हाथी की हुई मौत, लगातार हो रहे हादसे का शिकार

रायपुर। छत्तीसगढ़ में हाथियों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। बिजली विभाग और वन विभाग की लापरवाही के चलते 28 सितंबर को गरियाबंद में एक और दंतैल हाथी की मौत हो गई। लोगों के मुताबिक सुबह 3 से 5 बजे के बीच ये घटना घटी। 11 केवी की झूलती तार की चपेट में आने से हाथी की मौत हो गई।
इसके पहले पिछले शुक्रवार को रायगढ़ में एक हाथी की मौत हो गई थी। प्रदेश में साल 2001 से अब तक 164 हाथियों की मौत हो चुकी है।इसमें से 29 फीसदी हाथियों कि मौत सिर्फ करंट लगने से हुई। वहीं धरमजयगढ़ में इसी समय में 25 हाथियों की मौत करंट लगने से हो चुकी है। देखा जाए तो इस इलाके में लगभग 3500 अवैध बिजली कनेक्शन हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि ग्रामीणों ने खेतों में बोर कर लिए हैं और खुले तारों से अवैध कनेक्शन लेे लिए हैं। वन्य जीव प्रेमी नितिन सिंघवी वन विभाग और पावर कम्पनी के बीच खींचातानी और लापरवाही को इसकी वजह बता रहे हैं।
वन विभाग बिजली विभाग पर ठीकरा फोड़ता है तो वहीं बिजली विभाग तारों की कवर के लिए 1674 करोड़ रुपए की मांग की है,लेकिन सिंघवीं के मुताबिक उच्च न्यायालय के आदेश के बाद बिजली कंपनी इसके लिए ज़िम्मेदार है। हालांकि बीजेपी भी मौका देख मौजूदा सरकार पर आरोप मढ़ रही है पर आंकड़े पिछले 15 साल की बीजेपी सरकार को भी बेदाग नहीं बताते।
प्रदेश में वर्तमान में लगभग 240 हाथी जंग में घूम रहे हैं। जो लगातार किसी न किसी वजह से मौत का शिकार हो रहे हैं। प्रदेश में हाथी की समस्या से निपटने के तमाम सरकारी कोशिश भी हुई। करोड़ों रुपए खर्च भी हो चुके,लेकिन नतीजा ये है कि आज भी गजराज पर मौत की गाज गिर रही है।