हाइलाइट्स
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चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड हुआ Electoral Bond का डेटा
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चुनाव आयोग ने 2 पार्ट में डेटा की लिस्ट वेबसाइट पर अपलोड की है
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पहले पार्ट में चंदा देने वाली कंपनी, दूसरे पार्ट में चंदा लेने वाली पार्टी का नाम
Electoral Bond Data इलेक्शन कमीशन ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. इसकी जानकारी ECI के स्पोकपर्सन ने एक्स पर पोस्ट कर दी है.
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद चुनाव आयोग (EC) ने स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) के इलेक्टोरल बांड से जुड़ी जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दी है.
आयोग की वेबसाइट पर जो डेटा अपलोड किया गया है उसमें 12 अप्रैल 2019 के बाद से ₹1000 से लेकर 1 करोड रुपए तक के चुनावी चंदे की खरीद से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक की गई है.
इस जानकारी में कंपनियों और व्यक्तियों द्वारा खरीदे गए बॉन्ड की राशि बताई गई है.
किसने लिया सबसे ज्यादा चंदा यहां देखें
पहले पार्ट में 336 पेज में उन कंपनियों के नाम हैं जिन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं.इसमें बॉन्ड राशि की जानकारी भी दी गई है. किस कंपनी ने कितनी राशि के बॉन्ड खरीदे हैं इसकी जानकारी के लिए लिस्ट यहां से करें डाउनलोड
दूसरे पार्ट में 426 पेजों की रिपोर्ट है इसमें राजनीतिक दलों के नाम हैं. जिन्होंने राशि ली है. इस लिस्ट में उन्होंने कब कितनी राशि ली इसकी भी जानकारी दी गई है.
पार्टियों द्वारा कितने इलेक्टोरल बॉन्ड कैश कराए गए इसकी जानकारी के लिए लिस्ट यहां से करें डाउनलोड
किस पार्टी को किसने दिया चुनावी चंदा
चुनाव आयोग द्वारा सार्वजनिक किए गए आंकड़ों (Electoral Bond Data) के अनुसार चुनावी चंदा हासिल करने वाली पार्टियों में बीजेपी, कांग्रेस, एआईडीएमके (AIDMK), भारत राष्ट्र समिति (BRS), शिवसेना, टीडीपी, आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दल शामिल हैं.
इलेक्टोरल बांड के माध्यम से राजनीतिक पार्टियों को दान देने वालों की सूची में टोरेंट पावर, एयरटेल, पिरामल एंटरप्राइजेज, ग्रेसिम इंडस्ट्रीज, वेदांता लिमिटेड, अपोलो टायर्स, पीवीआर, वेलस्पन सन फार्मा, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स और एडलवाइस जैसे कॉरपोरेट हाउस के नाम शामिल हैं.
एक दिन पहले अपलोड हुआ डेटा
सुप्रीम कोर्ट ने 11 मार्च को SBI को फटकार लगाई थी. और 24 घंटे में डेटा शेयर चुनाव आयोग को देने की बात कही थी. 12 मार्च को SBI ने डेटा निर्वाचन आयोग को सौंप दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को भी यह डेटा 15 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए कहा था. Election Commission ने एक दिन पहले 14 मार्च को ही डेटा वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है.