हाइलाइट
- कांग्रेस का गढ़ या भाजपा का किला बनेगा कोरबा
- 2008 में हुआ था लोकसभा का गठन
- 8 वार हुए चुनाव हर वार बदली सत्ता
Korba Lok Sabha Chunav 2024: कोरबा में सियासी बिसात बिछ चुकी है। बीजेपी कांग्रेस के प्रत्याशियों ने मैदान संभाल लिया है और चर्चा हार-जीत से ज्यादा यहां के चुनावी रिवाज की हो रही है। 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई इस सीट का अपना रिवाज है।
जहां कोई भी पार्टी दोबारा चुनाव नहीं जीती ऐसे में क्या कांग्रेस फिर से सत्ता में वापसी करेगी या फिर इतिहास कायम रहेगा और भाजपा के खेमे में ये सीट आएगी।
आंकड़ों का गणित शुरू
लोकसभा चुनाव 2024 (Korba Lok Sabha Chunav 2024) की तारीखों के ऐलान से पहले ही, राजनीतिक दल चुनावी मैदान में हैं। राज्यों की छोटी-बड़ी सभी सीटों पर प्रत्याशियों से लेकर आंकड़ों तक का गणित शुरू हो गया है। ऐसे ही छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में कोरबा एक महत्वपूर्ण सीट है। यहां से वर्तमान में कांग्रेस की ज्योत्सना महंत सांसद हैं।
कैसे बनी थी लोकसभा सीट ?
परिसीमन के बाद साल 2008 में कोरबा लोकसभा का गठन हुआ। इसके पहले जांजगीर लोकसभा सीट के अंतर्गत ये सीट समाहित थी। 2009 में पहली बार कोरबा में लोकसभा चुनाव हुए थे। फिलहाल इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है।
बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक स्वर्गीय कांशीराम ने साल 1984 में जांजगीर सीट से अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। हालांकि जीत के आंकड़े से दूरी ही बनी रही थी।
कोरबा में भारत का सबसे बड़ा एल्युमिनियम संयंत्र भारत एल्युमिनियम कंपनी बालको भी है।
क्या है चुनावी समीकरण?
इस सीट पर तीन बार आम चुनाव हो चुके है और अब 2024 में चौथी बार लोकसभा का चुनाव होना है। पहली बार में ही कांग्रेस के दिग्गज नेता चरण दास महंत ने चुनाव जीता। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी बीजेपी प्रत्याशी करुणा शुक्ला को हार का स्वाद चखाया था।
जहां 2014 के लोकसभा चुनाव में चरणदास महंत को बीजेपी के डॉ बंशीलाल महतो ने शिकस्त दी थी। वहीं 2019 के चुनाव में चरणदास महंत ने अपनी धर्मपत्नी ज्योत्सना चरणदास महंत को चुनाव मैदान में उतारा और इस बार उन्होंने बीजेपी के ज्योतिनंद दुबे को हराया था। यहां अब तक के तीन चुनाव में हर बार नतीजा बदला है।
कोरबा का जातीय समीकरण
कोरबा लोकसभा में कुल आठ विधानसभा क्षेत्र हैं। जिनमें कोरबा जिले की पांच विधानसभा और कोरिया जिले की तीन विधानसभा शामिल हैं।
कोरबा लोकसभा सीट के अंतर्गत कोरबा जिले की चार कोरबा, कटघोरा, रामपुर और पाली-तानाखार, कोरिया जिले की तीन महेंद्रगढ़, भरतपुर सोनहत और बैकुंठपुर और बिलासपुर जिले की मरवाही विधानसभा सीट शामिल हैं।
कोरबा लोकसभा 2024 (Korba Lok Sabha Chunav 2024) होने तो वाला है।लेकिन, यहां जतीय समिकरण इस प्रकार रहें हैं।
सबसे ज्यादा अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के 44.5 प्रतिशत मतदाता हैं। इसके बाद अनुसूचित जाति (SC) के 9.2 फीसदी, मुस्लिम वोटर्स 3.5 प्रतिशत और बाकी बचे हुए वोटर्स सामान्य वर्ग और OBC कैटेगरी से हैं।
इस लोकसभा क्षेत्र में साक्षरता दर 61.16 प्रतिशत है। वर्तमान में इस लोकसभा क्षेत्र में 15 ,99,188 मतदाता हैं।
किसकी होगी जीत
कोरवा में लोकसभा चुनाव 2024 (Korba Lok Sabha Chunav 2024) से पहले तक तक कोरबा सीट पर जनता नेता बदलती आई है।
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अब देखना होगा कि कोरवा के लोकसभा चुनाव 2024 (Korba Lok Sabha Chunav 2024) में यहां रिवाज कायम रहेगा या फिर कांग्रेस का राज ही रहेगा।