Election Commission Action on PM Modi and Rahul: लोकसभा चुनाव के बीच राजनेताओं द्वारा सियासी बयानबाजी भी खूब हो रही है। इस समय संपत्ति के बंटवारे को लेकर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच जुबानी जंग काफी तेज हो चुकी है।
चुनाव आयोग (election Commission) ने Prime Minister Narendra Modi और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से कथित आचार संहिता उल्लंघन (code of conduct violation) मामले में संज्ञान (Cognizance) लिया है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने धर्म, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर नफरत और विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया था।
ECI takes cognizance of alleged MCC violations by Prime Minister Narendra Modi and Congress leader Rahul Gandhi. Both BJP and INC had raised allegations of causing hatred and divide based on religion, caste, community, or language.
ECI seeks response by 11 am on 29th April. pic.twitter.com/XbNtrI1a1s
— ANI (@ANI) April 25, 2024
आयोग ने 29 अप्रैल की सुबह 11 बजे तक जवाब मांगा है। चुनाव आयोग ने ये नोटिस कांग्रेस और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (National President) को भेजे हैं।
इलेक्शन कमीशन की 2 टिप्पणियां
इलेक्शन कमीशन ने जनप्रतिनिधि कानून के सेक्शन (Section of the Representation of the People Act) 77 के तहत दोनों पार्टियों के अध्यक्षों को नोटिस भेजा। आयोग ने स्टार प्रचारकों की फौज उतारने के लिए पहली नजर में पार्टी अध्यक्षों को ही जिम्मेदार ठहराया है।
चुनाव आयोग ने कहा, “अपने प्रत्याशियों के कामों के लिए राजनीतिक दलों को ही पहली जिम्मेदारी उठानी चाहिए। खासतौर पर Star Campaigners के मामले में ऊंचे पदों पर बैठे लोगों के चुनावी भाषणों का असर ज्यादा गंभीर होता है।”
PM मोदी-राहुल के किन भाषणों के खिलाफ नोटिस
राजस्थान के बांसवाड़ा में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए भाषण को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की शिकायत पर निर्वाचन आयोग ने BJP चीफ जेपी नड्डा से जवाब मांगा है।
निर्वाचन आयोग ने प्रधानमंत्री मोदी, राहुल गांधी के खिलाफ code of conduct violation के आरोपों को भाजपा, कांग्रेस प्रमुखों के साथ साझा किया और इस पर 29 अप्रैल तक जवाब मांगा है।
स्टार प्रचारकों के आचरण की जिम्मेदारी लें राजनीतिक दल
आयोग ने कहा है कि राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों, विशेषकर स्टार प्रचारकों (especially star campaigners) के आचरण की प्राथमिक और बढ़ती जिम्मेदारी लेनी होगी। चुनाव आयोग का कहना है कि उच्च पदों पर बैठे लोगों के प्रचार भाषणों के अधिक गंभीर परिणाम होते हैं।
इसने कहा है कि स्टार प्रचारकों को अपने जरिए दिए जाने वाले भाषणों के लिए खुद तो जिम्मेदार होना ही होगा। मगर controversial speeches के मामले में चुनाव आयोग पार्टी के प्रमुखों से हर मामले पर जवाब मांगेगा।
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