रायपुर। विपक्ष द्वारा लगातार जांच एजेंसियों की कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधे जाने बच ही मंगलवार सुबह से ही छत्तीसगढ़ में ED की बड़ी कार्रवाई शुरू हो गई। यहां छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया के साथ ही अन्य कई अफसरों के घर पर छापामार कार्रवाई जारी है।
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बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ में बड़ी कार्रवाई करते हुए अलग-अलग टीमों में सुबह 5 बजे से ही छापेमारी की कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की इस कार्रवाई में राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों, कुछ व्यवसायी और सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के कुछ नेताओं के ठिकानों पर छापे की खबर है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
सूत्रों ने बताया कि ईडी ने आज सुबह राज्य के रायपुर, रायगढ़, महासमुंद, कोरबा समेत अन्य जिलों में छापे की कार्रवाई शुरू की। ईडी ने जिन लोगों के ठिकानों पर छापे मारे हैं उनमें एक जिले की जिलाधीश और सरकार के करीबी कुछ वरिष्ठ अधिकारी, व्यवसायी और कांग्रेस के नेता शामिल हैं। राज्य में छापे के संबंध में ईडी के किसी अधिकारी ने अभी तक पुष्टि नहीं की है।
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केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग
राज्य में इन छापों को लेकर प्रदेश कांग्रेस समिति के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, ‘‘हमें पहले से आशंका थी कि जब छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी सीधी राजनीतिक लड़ाई नहीं लड़ पाएगी तो केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करेगी। मुख्यमंत्री जी ने भी कई बार इसकी आशंका जाहिर की थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि कानून सम्मत कार्रवाई की जाए तब कोई दिक्कत नहीं है लेकिन भाजपा दबाव बनाने के लिए राजनीतिक विद्वेष के कारण इस प्रकार से केंद्रीय एजेंसियों का पूरे देश में दुरूपयोग कर रही है, वह निंदनीय है। कांग्रेस पार्टी इस तरह की कुचालों से डरने वाली नहीं है। हम इनका मुकाबला करेंगे। हम इन्हें जनता के सामने बेनकाब करेंगे।”
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पहले भी मारे थे छापे
बता दें कि इससे पहले सितंबर में आयकर विभाग ने राज्य में इस्पात और कोयला व्यवसाय से जुड़े व्यवसायियों के ठिकानों में पर छापे मारे थे। वहीं, इस साल जून-जुलाई में आयकर विभाग ने कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी के परिसरों और मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में तैनात एक अधिकारी के घर समेत कई जगहों पर तलाशी ली थी। छापेमारी के बाद तिवारी ने दावा किया था कि आयकर विभाग के अधिकारियों ने उनसे कहा था कि अगर वह राज्य सरकार को गिराने के लिए कांग्रेस विधायकों के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल करते हैं तो वह मुख्यमंत्री बन सकते हैं।
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