नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित तौर पर 22,842 करोड़ रुपये के बैंक कर्ज धोखाधड़ी मामले में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के खिलाफ धन शोधन जांच के सिलसिले में मंगलवार को मुंबई, पुणे और सूरत में कई परिसरों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने जानकारी में बताया
इसे लेकर अधिकारी ने कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत संघीय एजेंसी इन शहरों में 26 परिसरों की तलाशी ले रही है। अधिकारियों ने कहा कि कंपनी, उसके पूर्व प्रवर्तकों, और उससे जुड़े व्यक्तियों के वित्तीय दस्तावेज तथा संबंधित जानकारी इकट्ठा करने के लिए छापेमारी की जा रही है। ईडी ने समूह के संचालन पर तैयार की गई फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट के अलावा जहाज निर्माण कंपनी के पूर्व प्रवर्तकों के खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद फरवरी में धन शोधन का मामला दर्ज किया था।
सीबीआई ने की बड़ी कार्रवाई
सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके तत्कालीन अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल के साथ अन्य लोगों के खिलाफ बैंकों के एक संघ को 22,842 करोड़ रुपये से अधिक का धोखा देने के आरोप में मामला दर्ज किया था।एजेंसी ने कंपनी के तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी, निदेशकों अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया और एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड को भारतीय दंड विधान (आईपीसी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के कथित अपराधों के लिए नामित किया था।
कंपनी ने की जांच
ईडी बैंक ऋण निधि के कथित “व्यपवर्तन” (डायवर्जन), जनता के धन को लूटने के लिए मुखौटा फर्मों के निर्माण और कंपनी के अधिकारियों और अन्य की भूमिका के आरोपों की जांच कर रहा है। धन शोधन और फंडिंग के आरोप स्थापित होने के बाद एजेंसी को आरोपी की संपत्ति कुर्क करने का भी अधिकार है। कंपनी को दिए गए लोन में कैश क्रेडिट लोन, मियादी ऋण, साख पत्र, बैंक गारंटी आदि श्रेणियां शामिल हैं।