How Protein Work: आज कल खराब लाइफस्टाइल के चलते सबसे ज्यादा असर हमारी हेल्थ पर पड़ता है। कई बार ऐसा होता है कि खाना खाने के कई घंटों बाद भी हम भोजन ठीक से पचा नहीं पाते हैं।
इन सबके पीछे की आपने कई वजह सुनी होगीं, जैसे ज्यादा तेल मसाले वाला भोजन करना, कम पानी पीना लेकिन, इसके अलावा पाचन क्रिया का सही तरह से काम न करने के पीछे की वजह प्रोटीन भी है।
प्रोटीन को लेकर एक आम शिकायत है कि ये आसानी से पचता नहीं है। प्रोटीन में चना, राजमा, चिकपीज यानी कि सफेद चना को बताया जाता है कि ये पेट में गैस और ब्लोटिंग पैदा करता है।
आज हम जानेंगे कि कैसे प्रोटीन शरीर में काम करता साथ ही किस तरह के खाने के साथ प्रोटीन पचाने में समस्या होती है।
क्या राजमा या छोले हैं कारण
हमारे रूटीन में खाना खाने का सही तरीका भी होना चाहिए। अगर हम स्टार्ची फूड जैसे कि आलू, चावल वगैरह के साथ प्रोटीन खाते हैं तो इसे पचाने में पेट को एक साथ ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।
जैसे कि चिकन या मटन के साथ आलू खाना इसकी वजह ये है कि प्रोटीन और स्टार्च और कार्ब के पचने की प्रक्रिया बिलकुल अलग है। इसलिए अगर आप प्रोटीन रिच फूड जैसे कि चिकन, अंडे, पनीर या चीज खा रहे हैं तो उसके साथ कार्ब या स्टार्च न लें।
उसके साथ थोड़ी मात्रा में सलाद और सब्जी खा सकते हैं, वहीं, जब आप प्रोटीन खाते हैं तो इसे निगलने से पहले अच्छे से चबाएं। जब आप चिकन, मटन या मछली खाते हैं तो उसे पूरी तरह डाइजेस्ट होकर एब्जॉर्ब होने और रेसीड्युअल को शरीर से बाहर निकलने में 36 से 48 घंटे का समय लगता है। क्योंकि ये सब हाई एसिड फॉर्मिंग प्रोटीन है।
वहीं अगर राजमा, दाल, बीन्स वगैरह खाते हैं तो लो एसिड फॉर्मिंग प्रोटीन होने के नाते यह थोड़ा आसानी से पच जाते हैं…इसलिए अगर आपको प्रोटीन पचाने में समस्या आ रही है तो एल्केलाइन फॉर्मिंग फूड जैसे कि हरी सब्जियां, सलाद, खीरा, टमाटर, आदि के साथ लो एसिड फॉर्मिंग प्रोटीन लें, जो कि आसानी से पच जाएगा.
प्रोटीन क्या होता है ?
प्रोटीन एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो शरीर के लिए आवश्यक होता है। यह शरीर में होने वाली कई प्रक्रिया में भाग लेता है, जैसे कि शरीर की कोशिकाओं और टिशूज की मरम्मत और निर्माण करता है। प्रोटीन अमीनो एसिड्स से मिलकर बना होता है।
जिनमें से कुछ को शरीर खुद नहीं बना सकता और इन्हें भोजन के माध्यम से प्राप्त करना होता है। प्रोटीन के मुख्य स्रोतों में मांस, मछली, दालें, अंडे, और डेयरी उत्पाद शामिल हैं। यह न केवल मांसपेशियों के विकास के लिए आवश्यक है।
बल्कि शरीर के एंजाइम्स, हार्मोन, और इम्यून सिस्टम के लिए भी महत्वपूर्ण है। प्रोटीन की कमी से शरीर की वृद्धि रुक सकती है और विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
प्रोटीन शरीर में कैसे काम करता है ?
प्रोटीन अमीनो एसिड्स से बना होता है, जो शरीर की अलग-अलग बायोकैमिकल फंक्शन्स के लिए जरुरी होते हैं। जब हम प्रोटीन युक्त भोजन खाते हैं, तो यह पाचन तंत्र में टूटकर अमीनो एसिड्स में बदल जाता है।
ये अमीनो एसिड्स फिर रक्त में मिलकर विभिन्न कोशिकाओं और ऊतकों तक पहुँचते हैं, जहाँ वे नए प्रोटीन का निर्माण करने, एंजाइम और हार्मोन बनाने, और मांसपेशियों की मरम्मत करने में उपयोग होते हैं।
इस प्रकार, प्रोटीन हमारे शरीर की सामान्य कार्यप्रणाली और स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रोटीन न पचने का कारण
प्रोटीन का सही ढंग से पाचन न होना कई कारणों से हो सकता है। एक सामान्य कारण है पाचन एंजाइमों की कमी। हमारे शरीर में पाचन एंजाइम जैसे पेप्सिन और ट्रिप्सिन प्रोटीन को तोड़ने में मदद करते हैं, लेकिन अगर इनकी कमी हो, तो प्रोटीन ठीक से पच नहीं पाता।
इसके अलावा, कुछ लोग लैक्टोज या ग्लूटन जैसे खाद्य पदार्थों के प्रति संवेदनशील होते हैं, जो पाचन समस्याएं पैदा सकते हैं। कभी-कभी, आंतों में सूजन या संक्रमण भी प्रोटीन पाचन को प्रभावित कर सकता है।
इसके अलावा, यदि भोजन में प्रोटीन की मात्रा अत्यधिक हो या भोजन के साथ अन्य खाद्य पदार्थों का असंतुलित कॉम्बिनेशन हो, तो भी पाचन समस्याएं पैदा हो सकती हैं। सही पाचन के लिए संतुलित आहार और पाचन को सही स्थिति में बनाए रखना जरूरी है।
जहां कार्ब और फैट को ब्रेक करने वाले एंजाइम्स मुंह के स्लाइवा में ही मौजूद होते हैं, वहीं प्रोटीन के ब्रेक होने की शुरुआत अमाशय में पहुंचने के बाद ही होती है।
अगर प्रोटीन न पचे तो क्या होगा
पचा नहीं पाता, तो इससे कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। सबसे पहले, पाचन संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि पेट दर्द, गैस, और सूजन।
इसके अलावा, पाचन की कमी से प्रोटीन का पूर्ण उपयोग नहीं हो पाता, जिससे मांसपेशियों का विकास सही तरीके से नहीं होता और शरीर की मरम्मत का काम प्रभावित हो सकता है।
लॉन्गटर्म कमी से कमजोरी, थकावट, और डिफेन्स सिस्टम की क्षमता में कमी आ सकती है। इसके अलावा, पाचन की समस्याएँ जैसे कि अब्सॉर्प्शन में कमी से शरीर को आवश्यक अमीनो एसिड्स की कमी हो सकती है।
जिससे सामान्य विकास और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस तरह की समस्याओं से बचने के लिए संतुलित आहार और सही पाचन स्वास्थ्य का ध्यान रखना आवश्यक है।
कैसे शरीर पचाता है प्रोटीन ?
- जब हम खाना खाते हैं, तो मुँह में प्रोटीन युक्त भोजन के साथ एंजाइम ‘पेटालिन’ मिलकर शुरुआती पाचन की शुरुआत करते हैं। हालांकि, इस स्तर पर प्रोटीन का पाचन बहुत कम होता है।
- भोजन पेट में पहुँचते ही, वहाँ ‘पेप्सिन’ नामक एंजाइम और हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिलकर प्रोटीन को छोटे-छोटे पप्टाइड्स में तोड़ते हैं। पेप्सिन प्रोटीन को छोटे पप्टाइड्स में बदल देता है, जो आगे की पाचन प्रक्रिया के लिए तैयार होते हैं।
- पेट से भोजन जब छोटी आंत में पहुँचता है, तो यहाँ ‘ट्रिप्सिन’ और ‘चाइमोट्रिप्सिन’ जैसे एंजाइम्स प्रोटीन पप्टाइड्स को और छोटे अमीनो एसिड्स में तोड़ते हैं। ये अमीनो एसिड्स शरीर द्वारा एब्जॉर्ब किए जाते हैं।
- छोटी आंत की दीवारों में मौजूद ‘विल्ली’ (स्मॉल फिंगर-लाइक प्रोजेक्शंस) अमीनो एसिड्स को ब्लड में एब्जॉर्ब कर लेती हैं। ये अमीनो एसिड्स फिर शरीर के विभिन्न हिस्सों में उपयोग के लिए भेजे जाते हैं।
- एब्जॉर्ब अमीनो एसिड्स ब्लड के माध्यम से शरीर की कोशिकाओं और टिशूज में पहुँचते हैं, जहाँ वे नए प्रोटीन के निर्माण के लिए उपयोग किए जाते हैं। यह प्रक्रिया मांसपेशियों की मरम्मत, एंजाइम्स और हार्मोन के निर्माण के लिए आवश्यक होती है।
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