नई दिल्ली। Earthquake In Delhi-UP : 8 नवंबर यानि मंगलवार को इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण था। जिसके बाद रात को करीब 1:30 के बीच में नई दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए। बंसल न्यूज ने इसके बारे में पहले ही जिक्र किया था कि ग्रहण का प्राकृतिक आपदाओं से संंबंध है। इसके पीछे क्या कारण है एक बार फिर जान लेते हैं पंडित राम गोविंद शास्त्री से।
क्या कहते हैं ज्योतिष —
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण का दुनिया में मचने वाली उथल—पुथल और प्राकृतिक आपदाओं से सीधा संबंध है। ऐसे में यदि दो ग्रहण 15 दिन के अंदर ही आ जाएं तो इसकी संभावना और अधिक बढ़ जाती है। वो कैसे चलिए जानते हैं। साथ में ये भी जानेंगे कि सूर्य ग्रहण के दौरान कौन सी और चंद्र ग्रहण के दौरान कौन सी आपदा आने की आशंका बढ़ जाती है।
15 दिन में आए दो ग्रहण तो क्या होता है —
ज्योतिषाचार्य पंडित के अनुसार यदि 15 दिन के अंदर ही सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण एक साथ आ जाएं तो इस कंडीशन में प्राकृतिक आपदाएं आती हैं। सूर्य ग्रहण के आने के बाद धरती से जुड़ी आपदाएं आती हैं। तो वहीं जब चंद्र ग्रहण आता है तो इसके बाद समुद्री आपदाएं यानि पानी से संबंधित आपदाएं घेरती हैं। इसी का असर है 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण के बाद एमपी के 6 जिलों के साथ—साथ सीजी में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तो वहीं अब 5 दिन बाद यानि 8 नवंबर को चंद्र ग्रहण है। ऐसे में ज्योतिषाचार्यों के अनुसार संभावना बन सकती है कि समुद्री उथल—पुथल, तूफान आदि का असर दिखाई दे।
Lunar Eclipse या चंद्र ग्रहण क्या है?
चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में चला जाता है। यह तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा अन्य दो के बीच पृथ्वी के साथ बिल्कुल या बहुत निकटता से जुड़े हों, जो कि पूर्णिमा की रात को ही हो सकता है जब चंद्रमा किसी भी चंद्र नोड के पास होता है।