हाइलाइट्स
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कर चोरी रोकने लिया गया बड़ा फैसला
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15 वस्तुओं को E-Way Bill से छूट
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ई-वे बिल के प्रावधान 6 साल पहले लागू हुए
E-Way Bill: छत्तीसगढ़ में वाणिज्यिक कर विभाग (GST) ने कर चोरी पर निगरानी बढ़ाने के लिए बड़ा फैसला लिया है।
प्रदेश में अब ई-वे बिल (E-Way Bill) के प्रावधानों में दी गई छूट को खत्म कर दिया गया है।
इसके तहत अब व्यापारियों को 50 हजार रुपए से अधिक दाम के माल को लाने -ले जाने पर ई-वे बिल (E-Way Bill) कटवाना पड़ेगा।
यहां बता दें, अभी तक राज्य में एक जिले के भीतर माल परिवहन करने पर ई-वे बिल (E-Way Bill) जारी करना जरुरी नहीं था।
साथ ही 15 वस्तुओं को छोड़ कर राज्य के अंदर किसी भी वस्तु के ट्रांसर्पोटेशन पर ई वे बिल (E-Way Bill) कि जरूरत नहीं थी।
इस आशय की अधिसूचना प्रदेश सरकार ने 24 मई को जारी की है।
ई वे बिल के प्रावधान 6 साल पहले हुए थे लागू
जानकारी के मुताबिक, साल 2018 में कांग्रेस सरकार के दौरान ई वे बिल (E-Way Bill) के प्रावधानों से छूट इसलिए दी गई थी,
उस वक्त सरकार का तर्क था कि, ये प्रावधान नए हैं और व्यापारियों और ट्रांसपोर्टर्स को इन प्रावधानों से परिचित होने के लिए समय देना चाहिए।
देशभर में ई वे बिल (E-Way Bill) के प्रावधान लागू हुए अब 6 साल हो गया है और सभी इससे अच्छी तरह परिचित भी हो चुके हैं।
अब देश के एक दो राज्यों को छोड़कर देश के ज्यादातर राज्यों में माल के परिवहन पर ई वे बिल (E-Way Bill) अनिवार्य है।
केंद्रीय कर विभाग ने भी ई वे बिल से छूट को खत्म करने पर सहमति दी है।
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व्यापारियों को होंगे ये फायदे
- माना जाता है कि, ई वे बिल (E-Way Bill) जारी करने में दी गई छूट का सबसे अधिक दुरुपयोग सर्क्युलर ट्रेडिंग करने वाले और बोगस बिल जारी करने वालों ने किया है।
- इस छूट को खत्म करने का सबसे अधिक लाभ उन व्यवसायियों को होगा, जो ईमानदारी से अपना कर जमा करते हैं, परंतु सर्क्युलर ट्रेडिंग या बोगस बिल जारी करने वालों के कारण उन्हें आईटीसी का लाभ नहीं मिल पाता है।
- ई वे बिल (E-Way Bill) के प्रावधान लागू होने से सर्क्युलर ट्रेडिंग और बोगस बिलिंग रोकने में विभाग को मदद मिलेगी।
- ई वे बिल के प्रावधानों में दी गई छूट को समाप्त किए जाने से राज्य में कर अनुपालन के वातावरण में सकारात्मक प्रभाव होगा। इससे बोगस बिल जारी करने, कच्चा बिल जारी करके कर अपवंचन ( Tax Evasion) करने की प्रवृत्तियों पर अंकुश लगेगा।