नयी दिल्ली। ‘E-Sanjeevani’ Telemedicine Service राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने शुक्रवार को कहा कि सरकार की ‘ई-संजीवनी’ टेलीमेडिसिन सेवा को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के साथ जोड़ दिया गया है।
एनएचए ने कहा कि इस कदम से ई-संजीवनी के मौजूदा उपयोगकर्ता आसानी से अपना आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कार्ड (एबीएचए) बना सकते हैं और स्वास्थ्य संबंधी अपने मौजूदा रिकॉर्ड से उसे जोड़ सकते हैं।उपयोक्ता ई-संजीवनी की मदद से अपने स्वास्थ्य से संबंधित रिकॉर्ड को चिकित्सकों के साथ साझा कर सकते हैं जिससे उन्हें काफी लाभ होगा।दोनों सेवाओं को आपस में जोड़ने से होने वाले लाभ के संबंध में एनएचए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. आर. एस. शर्मा ने कहा, ‘‘एबीडीएम का लक्ष्य भारत में मौजूदा डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं के बीच की दूरियों को कम करने और संबंधित पक्षों के लिए डिजिटल रास्ते तैयार करना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ई-संजीवनी का एबीडीएम के साथ जोड़ना ऐसा ही एक उदाहरण है, जहां एबीएचए के 22 करोड़ उपयोक्ता ई-संजीवनी की मदद से बनाए गए अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को चिकित्सकों के साथ साझा कर सकेंगे और पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी।’’ ई-संजीवनी फिलहाल दो संस्करण में उपलब्ध है। पहला संस्करण है… ई-संजीवनी आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केन्द्र (एबी-एचडब्ल्यूसी)।
यह चिकित्सक से चिकित्सक को जोड़ने वाली टेलीमेडिसिन सेवा है जिसके तहत स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्र पर चिकित्सक से मिलने आया लाभार्थी ऑनलाइन उन चिकित्सकों के साथ भी अपनी समस्या साझा कर सकता है जो किसी दूसरे स्वास्थ्य केन्द्र, अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में मौजूद हैं। दूसरा संस्करण, ई-संजीवनी ओपीडी के तहत देशभर में मरीजों का उनके घरों से सीधे चिकित्सकों से संपर्क कराया जाता है। एनएचए ने एक बयान में कहा कि ई-संजीवनी एबी-एचडब्ल्यूसी और ई-संजीवनी ओपीडी दोनों को एबीडीएम के साथ जोड़ दिया गया है।