Durg: छत्तीसगढ़ की दुर्ग (Durg) पुलिस अब हाई टेक तरीके से ट्रैफिक कंट्रोल करती नजर आएगी। हम ऐसा इसलिए कह रहे है क्योंकि छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस को ‘ट्रैफिक स्मार्ट जैकेट’ मिला है। इस जैकेट की खास बात यह है कि इसमें लाईट लगी रहेंगी जो ट्रैफिक सिग्नल से कनेक्ट रहेगा। सिग्नल का रंग जो भी होगा जैकेट पर वहीं लाइट जलेगा। इससे आम लोगों को ट्रैफिक जवान के द्वारा पहने जैकेट से भी सिग्नल मिल पाएगा।
बेतरतीब ट्रैफिकिंग को कंट्रोल करने के लिए बनाए गए इस विशेष स्मार्ट जैकेट का सोमवार शाम को दुर्ग एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने शुभारंभ किया। एसपी अभिषेक पल्लव दुर्ग के पटेल चौक पर ट्रांसमीटर जैकेट पहने नजर आए और वहां यातायात व्यवस्था को संभाला। इस दौरान उन्होंने कहा, “दुर्ग पुलिस जिले में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने की दिशा में काम करती है। लेकिन यातायात नियमों के उल्लंघन और सड़क की खराब स्थिति के कारण दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि इस स्मार्ट जैकेट और टोपी की मदद से यातायात पुलिस कर्मियों द्वारा यातायात का प्रबंधन करने के दौरान काफी मदद मिलेगी। इस प्रणाली का परीक्षण परीक्षण के तौर पर पटेल चौक पर किया जा रहा है। अगर सब ठीक रहा तो हम इसे बढ़ाएंगे और सभी चौराहों और चौराहों पर लागू करेंगे।
क्या है खासियत?
जानकारी के अनुसार, सिग्नल के मुताबिक जैकेट अपना रंग बदल लेती है। इसी तरह टोपी में एक रिसीवर भी लगा था जो ट्रैफिक सिग्नल के हिसाब से अपना रंग भी बदलता था। जैकेट न केवल यातायात कर्मियों को सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि लोगों में यातायात प्रबंधन के प्रति जागरूकता फैलाने में भी मदद करता है।
भिलाई इंस्टीट्यूट ने किया निर्माण
भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी) कॉलेज, दुर्ग के इलेक्ट्रिकल्स विभाग के प्रोफेसर श्रीनिवास द्वारा स्मार्ट जैकेट और टोपी बनाई गई है। जैकेट और टोपी को रिसीवर, एलईडी लाइट और ट्रांसमीटर से लैस किया गया है और इसे 8,000 रुपये की लागत से तैयार किया गया है।